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Papankusha Ekadashi के दिन इन कार्यों से प्रसन्न होंगे श्रीहरि, जानें इस दिन क्या करें और क्या न करें?

आश्विन माह माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi 2024 Vrat Niyam) के नाम से जाना जाता है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है लेकिन इस दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि वर्जित कार्यों को करने से विष्णु जी अप्रसन्न हो सकते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 08 Oct 2024 12:09 PM (IST)
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Lord Vishnu: कैसे करें विष्णु जी को प्रसन्न

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन शास्त्रों में एकादशी तिथि का विशेष उल्लेख मिलता है। पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi 2024 Vrat Niyam) व्रत किया जाता है। साथ ही जीवन में किए हुए पापों से छुटकारा पाने के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मत है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन कुछ कार्यों को करने से जातक को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पापांकुशा एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें?

 

पापांकुशा एकादशी के दिन क्या करें?

  • इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें।  

  • पूजा करने के बाद दान करना शुभ माना जाता है।  
  • प्रभु को प्रिय चीजों का भोग लगाएं।
  • व्रत का पारण द्वादशी तिथि में करें।
  • दिन में भजन-कीर्तन करें।  
  • घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।  
  • यह भी पढ़ें: Papankusha Ekadashi 2024: 13 या 14 अक्टूबर, कब है पापांकुशा एकादशी? नोट करें सही डेट एवं पूजा का शुभ मुहूर्त

     

    पापांकुशा एकादशी के दिन क्या न करें?

    • इस दिन किसी से बातचीत के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग न करें  
    • चावल का सेवन भूलकर भी न करें।
    • तुलसी के पत्ते न तोड़ें।  
    • तामसिक चीजों के सेवन से दूर रहें।
    • किसी से किसी भी तरह का वाद विवाद न करें।  
    • बड़े बुर्जुगों और महिलाओं का अपमान न करें।  
    • घर में गंदगी न करें।
    • सुबह की पूजा के बाद दिन में सोना वर्जित है।

    पापांकुशा एकादशी शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी और सोमवार 14 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में पापांकुशा एकादशी  (Papankusha Ekadashi Shubh Muhurat) 13 अक्टूबर को किया जाएगा। व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है। 14 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से लेकर 03 बजकर 34 मिनट तक व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।