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Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी पर करें तुलसी से जुड़े ये उपाय, साल भर बरसेगी श्री हरि की कृपा

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी गई है। शास्त्रों में माना गया है कि पापमोचनी एकादशी का व्रत करने और विधि-विधान पूर्वक श्री हरि की पूजा करने से साधक साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। वहीं एकादशी की पूजा में तुलसी का भी विशेष महत्व माना गया है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 28 Mar 2024 11:11 AM (IST)
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Papmochani Ekadashi 2024: पापमोचनी एकादशी पर करें तुलसी से जुड़े ये उपाय।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Papmochani Ekadashi 2024 Tulsi Upay: प्रत्येक व्रर्ष चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी पर पापमोचनी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में आइए पढ़ते हैं पापमोचिनी एकादशी पर तुलसी से जुड़े कुछ उपाय, जिनके द्वारा आप प्रभु श्री हरि की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

एकादशी शुभ मुहूर्त (Ekadashi Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की कृष्ण एकादशी तिथि 04 अप्रैल 2024 को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 05 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 28 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में पापमोचनी एकादशी का व्रत 05 अप्रैल, शुक्रवार के दिन किया जाएगा।

करें ये काम

सनातन धर्म में तुलसी जी को मां लक्ष्मी जी को रूप माना गया है। ऐसे में पापमोचनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और तुलसी जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से साधक को विष्णु जी के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।

वैवाहिक जीवन में मिलेगा लाभ

पापमोचनी एकादशी के दिन दम्पति को तुलसी के पौधे में कलावा बांधना चाहिए और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इससे भगवान विष्णु की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल तरीके से बीतता है। इसके साथ ही एकादशी के दिन तुलसी माता को सुहाग की सामग्री और लाल चुनरी भी जरूर अर्पित करें। इससे दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है।

इन बातों का जरूर रखें ध्यान

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एकादशी तिथि पर तुलसी में जल अर्पित करना वर्जित माना जाता है। इसलिए पापमोचनी एकादशी पर तुलसी में जल न चढ़ाएं। साथ ही इस दिन तुलसी के पत्ते भी नहीं उतारने चाहिए। भगवान विष्णु के भोग में उपयोग करने के लिए एक दिन पहले ही पत्ते उतारकर रख लें।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'