Papmochani Ekadashi 2024: धन संबंधित समस्या से चाहते हैं मुक्ति, तो पापमोचनी एकादशी पर श्री हरि को लगाएं ये भोग
पापमोचनी एकादशी के दिन श्री हरि की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। अगर आप भी भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करें। इसके बाद प्रभु को विशेष चीजों का भोग लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Vishnu Bhog: एकादशी व्रत जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस बार पापमोचनी एकादशी 05 अप्रैल को है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यदि आप भी भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु की उपासना करें। इसके बाद प्रभु को विशेष चीजों का भोग लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। चलिए जानते हैं कि पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए।
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भगवान विष्णु को लगाएं ये भोग
- पापमोचनी एकदशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और इसके बाद उन्हें पंचामृत का भोग लगाएं। क्योंकि पंचामृत श्री हरि को प्रिय है। मान्यता है कि भगवान विष्णु के भोग में पंचामृत शामिल करने से इंसान के जीवन में आ रही परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
- इसके अलावा एकदशी के भोग में केले को भी शामिल कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि श्री हरि को केले का भोग लगाने से धन से संबंधित समस्या से मुक्ति मिलती है और जातक की कुंडली में से गुरू दोष का प्रभाव खत्म होता है।
- भगवान विष्णु के भोग लिए आप साबूदाने की खीर भी बना सकते हैं। इसके अलावा फल और मिठाई का भी भोग लगा सकते हैं।
- पापमोचनी एकादशी के दिन श्री हरि के भोग में तुलसी दल अवश्य शामिल करना चाहिए। मान्यता है कि बिना तुलसी दल के भगवान भोग को स्वीकार नहीं करते हैं।
भोग मंत्रत्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।पापमोचनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त (Papmochani Ekadashi 2024 Shubh Muhurat) पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 04 अप्रैल को शाम 04 बजकर 14 मिनट से होगा और इसके अगले दिन यानी 05 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 28 मिनट पर तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व है। ऐसे में 05 अप्रैल को पापमोचनी एकादशी व्रत किया जाएगा।
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