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Parivartini Ekadashi 2024: किन वजहों से टूट सकता है आपका एकादशी व्रत, जान लेंगे तो नहीं करेंगे गलती

भाद्रपद में आने वाली परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi Niyam) को बहुत ही खास माना जाता है क्योंकि इस दौरान गणेशोत्सव का भी योग है। यह तिथि विष्णु जी की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम मानी गई है। ऐसे में अगर आप एकादशी के दिन इन बातों का ध्यान रखते हैं तो इससे आपके व्रत में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी और आपको पूर्ण फल प्राप्त होगा।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 13 Sep 2024 04:49 PM (IST)
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Parivartini Ekadashi 2024: किन वजहों से टूट सकता है आपका एकादशी व्रत?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही खास माना जाता है। इस तिथि पर जगत के पालनहार कहे जाने वाले भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को परिवर्तिनी (Parivartini Ekadashi 2024 Vrat) या जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार परिवर्तिनी एकादशी का व्रत शनिवार, 14 सितंबर को किया जाएगा। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आपकी किन गलतियों की वजह से आपका एकादशी व्रत टूट सकता है।

भोग लगाते समय इस बात का रखें ध्यान

भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है और इसके बिना विष्णु जी का भोग अधूरा माना जाता है। ऐसे में जब आप एकादशी तिथि पर श्रीहरि को भोग अर्पित करें, तो तुलसी दल जरूर डालें। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि एकादशी तिथि पर तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए। इसलिए तुलसी के पत्ते एक दिन पहले उतार कर रख लें। इसी के साथ एकादशी की पूजा में व्रत कथा का पाठ जरूर करें, तभी आपका व्रत पूर्ण माना जाता है। 

न करें ये काम (Ekadashi Vrat Niyam)

एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना गया है। इससे आपका व्रत टूट सकता है। यहां तक की व्रत न करने वाले व्यक्ति को भी चावल ग्रहण नहीं करना चाहिए। एकादशी पर दिन सोना भी शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से भी साधन का व्रत टूट सकता है। इसके स्थान पर आप श्री हरि का ध्यान करें और भजन कीर्तन करें।

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इस बात का रखें ध्यान

एकादशी (Parivartini Ekadashi 2024) के दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े न पहने, ऐसा करना बहुत ही अशुभ माना जाता है। इसके स्थान पर आप भगवान विष्णु के प्रिय रंग यानी पीले रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं। साथ ही एकादशी की पूजा में भी अधिक-से-अधिक इस रंग का इस्तेमाल करना चाहिए। जैसे पूजा में पीले फूल-फल, पीली मिठाई आदि का इस्तेमाल करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।