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Parivartini Ekadashi के दिन रहेगा शनिवार का संयोग, एकादशी पर बन सकेंगे शनिदेव के कृपा पात्र

एकादशी तिथि मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन व्रत करने से साधक के सौभाग्य में वृद्धि होती है। ऐसे में आप भाद्रपद में पड़ रही परिवर्तिनी एकादशी (Ekadashi Significance) पर कुछ खास उपाय कर विष्णु जी के साथ-साथ शनिदेव की भी कृपा के पात्र बन सकते हैं। चलिए जानते हैं वह उपाय।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 12 Sep 2024 12:31 PM (IST)
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Ekadashi in September 2024 एकादशी पर करें ये उपाय।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को परिवर्तिनी (Parivartini Ekadashi) या जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 14 सितंबर को किया जाएगा। ऐसे में एकादशी के दिन शनिवार का योग रहने वाला है। साथ ही गणेश महोत्सव भी चल रहा है। ऐसे में इस दिन विष्णु जी के साथ-साथ शनिदेव और भगवान गणेश की भी पूजा की जा सकती है।

ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न (Parivartini Ekadashi Upay)

शनिवार के दिन पड़ रही परिवर्तिनी एकादशी के दिन शनिदेव की पूजा जरूर करें। पूजा के दौरान शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक करें। इसके बाद शनिदेव को नीले फूल, काले तिल, काली उड़द की दाल अर्पित करें। अब शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नम: का जाप करें।

जरूर करें इन चीजों का दान

परिवर्तिनी एकादशी यानी शनिवार के दिन जरूरतमंद लोगों को दान आदि जरूर दें। इस दिन आप तेल, तिल का दान के साथ-साथ धन, अन्न, छाते, और जूते-चप्पल आदि का भी दान कर सकते हैं। इससे शनिदेव की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।

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करें ये काम

परिवर्तिनी एकादशी के पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल में शक्कर डालकर अर्पित करें। वहीं शाम के समय पीपल के पेड़ के समक्ष घी का दीपक जलाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।

विष्णु जी को करें प्रसन्न

परिवर्तिनी एकादशी के दिन दूध में केसर मिलाकर भगवान श्री हरि का अभिषेक करें। इसी के साथ विष्णु जी को पीले फूल की माला और पीली मिठाई का भोग लगाएं। इससे भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख और सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।