Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Paush Putrada Ekadashi 2024: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लगाएं ये भोग, पूजा होगी सफल

पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार पुत्रदा एकादशी 21 जनवरी को है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से व्यक्ति की मनचाही मनोकामना पूरी होती है। साथ ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Thu, 18 Jan 2024 01:02 PM (IST)
Hero Image
Paush Putrada Ekadashi 2024: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लगाएं ये भोग, पूजा होगी सफल

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Putrada Ekadashi 2024: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। हर माह में 2 बार एकादशी तिथि आती है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार पुत्रदा एकादशी 21 जनवरी को है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से व्यक्ति की मनचाही मनोकामना पूरी होती है। साथ ही संतान सुख की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि एकादशी की पूजा के समय भगवान विष्णु को विशेष चीजों का भोग लगाने से व्रत सफल होता है। साथ ही साधक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के भोग में किन चीजों को शामिल करना चाहिए।

भगवान विष्णु के भोग

  • पौष पुत्रदा एकादशी के दिन विधिपूर्वक पूजा करने के बाद भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को अवश्य शामिल करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी दल तोड़ना वर्जित है। क्योंकि माता लक्ष्मी एकादशी का निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए एकादशी से एक दिन पहले ही तुलसी दल को तोड़कर रख लें।

यह भी पढ़ें: Vastu Tips for Kitchen: रसोई घर में रख लें ये खास चीजें, कभी खाली नहीं होंगे आपके धन भंडार

  • भगवान विष्णु को केला बेहद प्रिय है। एकादशी के भोग में श्रीहरी को केले का भोग लगाएं। कहा जाता है कि इससे धन का लाभ मिलता है।
  • इसके अलावा पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के भोग में मिठाई और दूध को शामिल करें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

भोग लगाते समय इस मंत्र का करें जाप

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।

गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

इस मंत्र का अर्थ है कि हे भगवान जो भी मेरे पास है। वो आपका ही दिया हुआ है। आपके द्वारा दिए हुए को ही मैं आपको अर्पित करता हूं। कृपा करके मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।

यह भी पढ़ें: Lakshmi ji Puja Niyam: मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान अपनाएं ये वास्तु टिप्स, नहीं सताएगी पैसों की कमी

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।