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Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी पर ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, जरूर रखें ध्यान

सावन माह में आने वाले व्रत-त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता है। इसी प्रकार सावन में आने वाली एकादशी का भी विशेष माना है। पंचांग के अनुसार हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर सावन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। वहीं पौष माह में भी पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि एकादशी पर किन कार्यों को नहीं करना चाहिए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 08 Aug 2024 02:01 PM (IST)
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Putrada Ekadashi 2024 पुत्रदा एकादशी पर न करें ये गलतियां।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी तिथि को पूर्ण रूप से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना जाता है। सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में से एक माना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। विष्णु जी की कृपा प्राप्ति के लिए इस दिन कई साधक एकादशी का व्रत भी करते हैं। ऐसे में विष्णु जी की पूजा के दौरान विष्णु जी की आरती और उनके मंत्रों का पाठ अवश्य करना चाहिए।

सावन पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त

श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। वहीं यह तिथि 15 अगस्त सुबह 09 बजकर 39 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में सावन माह में पुत्रदा एकादशी का व्रत शुक्रवार, 16 अगस्त 2024 को किया जाएगा।

इन चीजों से करें परहेज

एकादशी व्रत के दिन भूल से भी चावल या चावल से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही व्रत करने वाले साधक को भोजन में साधारण नमक और लाल मिर्च का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जो लोग इस तिथि पर व्रत नहीं भी कर रहे हैं, उन्हें भी मांस, शराब, लहसुन और प्याज आदि से दूरी बनानी चाहिए।

यह भी पढ़ें - Sawan Putrada Ekadashi 2024: सावन माह में कब और क्यों मनाई जाती है पुत्रदा एकादशी ?

इन कार्यों से बनाएं दूरी

हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का विशेष महत्व माना गया है। लेकिन एकादशी तिथि पर तुलसी से जुड़े कुछ नियमों का खास ख्याल रखना चाहिए, तभी साधक को एकादशी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी तिथि पर तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही इस दिन तुलसी के पत्ते उतारने चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर मां तुलसी भगवान विष्णु के निमित्त एकादशी का व्रत करती हैं।

भूलकर भी न करें ये काम

एकादशी तिथि पर क्रोध करने, झूठ बोलने, किसी की बुराई या अपमान करने से बचना चाहिए। वैसे तो किसी भी दिन इस कार्यों को बचना चाहिए। इससे प्रभु श्री हरि क्रोधित हो सकते हैं। साथ ही इस दिन मन में नकारात्मक विचार भी न लाएं। इसके विपरीत साधक को भगवान विष्णु का ध्यान और भजन-कीर्तन करना चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।