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Rama Ekadashi 2024: कब और क्यों मनाई जाती है रमा एकादशी, क्या है इस व्रत का धार्मिक महत्व?

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रमा एकादशी व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 27 अक्टूबर (Rama Ekadashi 2024 Date) को है। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। धर्मिक मान्यता है कि रमा एकादशी के दिन पूजा और दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 21 Oct 2024 05:21 PM (IST)
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Lord Vishnu: भगवान विष्णु को समर्पित है एकादशी तिथि

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन शास्त्रों में भगवान विष्णु की महिमा का विशेष उल्लेख देखने को मिलता है। जगत के पालनहार भगवान विष्णु को एकादशी तिथि और गुरुवार का दिन समर्पित है। पंचांग के अनुसार, एकादशी व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर किया जाता है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी (Rama Ekadashi 2024) के नाम से जाना जाता है। इस दिन श्रीहरि और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने से जातक को सभी तरह का पापों से छुटकारा मिलता है।  साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। क्या आप जानते हैं कि रमा एकादशी व्रत क्यों किया जाता है? अगर नहीं पता, तो आइए हम आपको बताएंगे इसकी वजह और व्रत के धर्मिक महत्व के बारे में बताएंगे।

रमा एकादशी 2024 डेट और टाइम (Rama Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 27 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में 27 अक्टूबर को रमा एकादशी व्रत किया जाएगा। एकादशी व्रत पारण करने का मुहूर्त इस प्रकार है-

रमा एकादशी व्रत का पारण 28 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 44 मिनट तक है।

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राजा मुचुकुंद से संबंधित है इसकी कथा

इस व्रत की कथा (Rama Ekadashi 2024 Vrat Katha) राजा मुचुकुंद से जुड़ी है। पौराणिक कथा के अनुसार, राजा मुचुकुंद के पुत्र शोभन की मृत्यु होने पर जब शव को अग्नि दी जा रही थी, तो उस दौरान शोभन की पत्नी ने विचार किया कि यदि वह भी अपने पति के साथ चली जाए, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। इसी वजह से उसने अग्नि में कूदने का निर्णय लिया। उसी समय ब्राह्मण ने एकादशी के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। इसके बाद उसने रमा एकादशी व्रत को किया और उसे सपने में अपने विष्णु जी के दर्शन हुए और उन्होंने वरदान दिया कि वह शोभन के संग स्वर्ग में जाएगी। तभी से रमा एकादशी व्रत की शुरुआत हुई।  

इसलिए किया जाता है रमा एकादशी व्रत

  • धार्मिक मत है कि रमा एकादशी व्रत को करने से जातक को पापों से छुटकारा मिलता है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
  • इसके अलावा जीवन में आने वाली सभी तरह की बाधा दूर होती है।  
  • जातक को जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और धन से सदैव तिजारी भरी रहती है।
  • जातक और उसके परिवार के सदस्यों को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।  

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।