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Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी पर आसान विधि से करें विष्णु जी की पूजा, मां लक्ष्मी भी होंगी प्रसन्न

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को काफी महत्व दिया जाता है। कई साधक इस दिन पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करते हैं और विधि-विधान से श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ऐसा करने से साधक को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है जिससे जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं रमा एकादशी की सरल पूजा विधि।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 26 Oct 2024 11:40 AM (IST)
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Rama Ekadashi Lord Vishnu Puja रमा एकादशी पर आसान विधि से करें विष्णु जी की पूजा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में शुक्ल और कृष्ण पक्ष में एकादशी का व्रत किया जाता है। ऐसे में कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत सोमवार, 28 अक्टूबर को किया जाएगा, जिसे रमा एकादशी (Rama Ekadashi 2024) के नाम से जाना जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए भी बहुत ही उत्तम मानी गई है।

एकादशी शुभ मुहूर्त (Rama Ekadashi Shubh Muhurat)

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 27 अक्टूबर को प्रातः 05 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है। वहीं यह तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत सोमवार, 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

सरल पूजा विधि (Rama Ekadashi Puja vidhi)

  • सुबह सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु जी का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • स्नान आदि से निवृत होने के बाद पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
  • एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें।
  • विष्णु जी का गंगा जल से अभिषेक करें और फूल, माला, चंदन, तुलसी पत्र, पीले फल-फूल अर्पित करें।
  • विष्णु जी को पंचामृत, मिठाई, खीर या फिर हलवे का भोग लगाएं और विष्णु जी के मंत्रों का जप करें।
  • पूजा के अंत में एकादशी व्रत कथा का पाठ करें और विष्णु जी की आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटे।

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करें इन मंत्रों का जप (Mantra on Ekadashi)

ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

विष्णु के पंचरूप मंत्र -

ॐ अं वासुदेवाय नम:।।

ॐ आं संकर्षणाय नम:।।

ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।।

ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।।

ॐ नारायणाय नम:।।

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

रखें इन बातों का ध्यान

इस बात का खास तौर से ध्यान रखें कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाना चाहिए। साथ ही उनके भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें, क्योंकि इसके बिना प्रभु श्रीहरि का भोग अधूरा माना जाता है। एकादशी में पूरे दिन उपवास रखने के बाद अगले दिन यानी द्वादशी पर अपने व्रत का पारण करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।