Rangbhari Ekadashi 2024: रंगभरी एकादशी पर करें श्री हरि स्तोत्र का पाठ, जीवन की परेशानियों का होगा अंत
रंगभरी एकादशी 20 मार्च को है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। अगर आप जीवन की सभी परेशानियों का अंत चाहते हैं तो रंगभरी एकादशी के दिन सुबह स्नान कर भगवन विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shri Hari Stotram Ka Path: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी और आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार रंगभरी एकादशी 20 मार्च को है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। अगर आप जीवन की सभी परेशानियों का अंत चाहते हैं, तो रंगभरी एकादशी के दिन सुबह स्नान कर भगवन विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। साथ ही श्री हरि स्तोत्र का पाठ और मंत्रों का जाप करें। मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से साधक को सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है, तो चलिए यहां पढ़ते हैं श्री हरि स्तोत्र।
यह भी पढ़ें: Amalaki Ekadashi 2024: आमलकी एकादशी पर इस विधि से करें आंवले के पेड़ की पूजा, दूर होंगे सभी दुख-दर्द
।।श्री हरि स्तोत्र।।जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं
शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालंनभोनीलकायं दुरावारमायंसुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासंजगत्सन्निवासं शतादित्यभासंगदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रंहसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारंजलान्तर्विहारं धराभारहारं
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपंध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥जराजन्महीनं परानन्दपीनंसमाधानलीनं सदैवानवीनंजगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुंत्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ॥कृताम्नायगानं खगाधीशयानंविमुक्तेर्निदानं हरारातिमानंस्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलंनिरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं ॥समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशंजगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहंसुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठंगुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठंसदा युद्धधीरं महावीरवीरंमहाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं ॥रमावामभागं तलानग्रनागंकृताधीनयागं गतारागरागंमुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतंगुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं ॥फलश्रुतिइदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे:स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकंजराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो ॥यह भी पढ़ें: Amalaki Ekadashi 2024: आमलकी एकादशी पर आंवले से जुड़े करें ये उपाय, वैवाहिक जीवन में आएगी खुशियों की बहार
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'