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Devshayani Ekadashi 2024: दशकों बाद देवशयनी एकादशी पर 'भद्रावास' योग का हो रहा है निर्माण, बनेंगे सारे बिगड़े काम

धार्मिक मत है कि एकादशी तिथि ( Devshayani Ekadashi 2024 Date) पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के जीवन में मंगल का आगमन होता है। साथ ही सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो वर्षों बाद देवशयनी एकादशी पर कई मंगलकारी योग का निर्माण हो रहा है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 15 Jul 2024 01:41 PM (IST)
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Devshayani Ekadashi 2024: कब मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Devshayani Ekadashi 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सभी प्रकार की सकारात्मक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो दशकों बाद देवशयनी एकादशी पर दुर्लभ भद्रावास योग (Devshayani Ekadashi Bhadravas Yog) का निर्माण हो रहा है। साथ ही कई अन्य मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। आइए, इन योग के बारे में जानते हैं-

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देवशयनी एकादशी शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को शुरू होगी। 16 जुलाई को भारतीय समयानुसार संध्याकाल 08 बजकर 33 मिनट से एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जुलाई को रात्रि 09 बजकर 02 पर मिनट पर समाप्त होगी।

शुभ एवं शुक्ल योग

ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी पर शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। शुभ योग सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल योग का संयोग बन रहा है, जो सुबह से लेकर पूर्ण रात्रि तक है। इस योग का समापन 18 जुलाई को सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर होगा।

अमृत सिद्धि योग

ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी पर वर्षों बाद अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इन दोनों योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 34 मिनट से हो रहा है और समापन 18 जुलाई को देर रात 03 बजकर 13 मिनट पर होगा। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

भद्रावास योग

ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रावास योग सुबह 08 बजकर 54 मिनट से लेकर संध्याकाल 09 बजकर 02 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग लोक में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीवों का कल्याण होता है। इस दिन शिववास योग का निर्माण निशा काल में हो रहा है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।