Saphala Ekadashi 2024: साल 2024 में दो बार मनाई जाएगी सफला एकादशी, जानिए इसका कारण और शुभ मुहूर्त
Saphala Ekadashi 2024 Vrat हिंदू धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन साधक भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए व्रत आदि भी करते हैं। पौष माह पड़ सफला एकादशी मनाई जाती है। जैसा कि इसके नाम से ही ज्ञात होता है सफला एकादशी का व्रत करने से साधक को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Saphala Ekadashi 2024 Date: पौष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। साल 2024 में दो बार सफला एकादशी मनाई जाएगी। एक बाल साल की शुरुआत यानी जनवरी में और दूसरी सफला एकादशी साल के आखिर यानी दिसंबर में मनाई जाएगी। ऐसे आइए जानते हैं इसका कारण और एकादशी का शुभ मुहूर्त।
सफला एकादशी शुभ मुहूर्त (Ekadash Shubh Muhurat)
पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 07 जनवरी 2024 को प्रात: 12 बजकर 41 मिनट शुरू हो रही है और इसका समापन 08 जनवरी 2024 को प्रात: 12 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सफला एकादशी का व्रत 07 जनवरी, रविवार के दिन मनाई जाएगी।
यह है कारण
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, एक दिन में 24 घंटे होते हैं और साल में 365 दिन होते हैं। वहीं, अगर हिंदू कैलेंडर की बात की जाए तो यह तिथियों के आधार पर चलता है, जिसके अनुसार सभी हिंदू व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। हिंदू कैलेंडर की तिथियां 24 घंटे से ज्यादा या कम समय की भी हो सकती हैं। साल 2023 में मलमास पड़ने के चलते एक महीने का अतिरिक्त समय बढ़ गया था, जिस कारण सफला एकादशी 2024 के जनवरी माह में मनाई जा रही है। साथ ही साल 2024 की दूसरी पौष कृष्ण एकादशी तिथि 26 दिसंबर को भी मनाई जाएगी।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें
सफला एकादशी का महत्व
पौष माह में आने वाली सफला एकादशी विशेष महत्व रखती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी पर पूरे विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। साथ ही एकादशी का व्रत करने से साधक को प्रभु श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'