Move to Jagran APP

Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें ? यहां जानें

एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी पूजा-व्रत करने का विधान है। धार्मिक मत है कि सफला एकादशी के दिन विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से साधक के रुके हुए काम पूरे होते हैं और सभी तरह के बुरे कर्मों से निजात मिलती है। सफला एकादशी के दिन कुछ कार्यों को करने से भगवान विष्णु रुष्ट हो जाते हैं और साधक को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 25 Dec 2023 01:29 PM (IST)
Hero Image
Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें ? यहां जानें
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Saphala Ekadashi 2024: साल में कुल 24 एकादशी होती है। पौष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार नए साल 2024 में सफला एकादशी 7 जनवरी को है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा-व्रत करने का विधान है। धार्मिक मत है कि सफला एकादशी के दिन विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से साधक के रुके हुए काम पूरे होते हैं और सभी तरह के बुरे कर्मों से निजात मिलती है। धार्मिक मत है कि सफला एकादशी के दिन कुछ कार्यों को करने से भगवान विष्णु रुष्ट हो जाते हैं और साधक को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चलिए जानते हैं सफला एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें।

सफला एकादशी के दिन क्या करें

  • सफला एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
  • भगवान विष्णु की पूजा के दौरान फल और मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
  • गरीबों को श्रद्धा अनुसार दान करना चाहिए।
  • तुलसी में जल देना चाहिए और उसकी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
  • व्रत के दौरान भजन-कीर्तन करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: Saphala Ekadashi 2024: साल 2024 की पहली एकादशी कब है ? नोट करें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व

सफला एकादशी के दिन क्या न करें

  • सफला एकादशी के दिन चावल और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी तरह के पाप को करने से बचना चाहिए।
  • इसके अलावा किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए
सफला एकादशी पूजा विधि

  • एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
  • अब मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
  • इसके बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
  • अब दीपक जलाएं और विष्णु जी को हल्दी, कुमकुम से तिलक करें।
  • इसके बाद फल, मिठाई और तुलसी दल अर्पित करें।
  • शाम को विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
  • अंत में सफला एकादशी की कथा पढ़ें और आरती करें।
  • सात्विक भोजन से व्रत का पारण करें।
यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat List 2024: साल 2024 में कब-कब है प्रदोष व्रत? यहां देखें पूरी लिस्ट

Author- Kaushik Sharma

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।