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Saphala Ekadashi 2024: साल 2024 की पहली एकादशी कब है ? नोट करें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व

हर माह में 2 एकादशी होती है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में। दैनिक पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी कहते हैं। अत 7 जनवरी 2023 को सफला एकादशी है। यह एकादशी साल 2024 की प्रथम एकादशी है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से साधक को सभी कामों में सफलता हासिल होती है

By Jagran NewsEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 13 Dec 2023 03:59 PM (IST)
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Saphala Ekadashi 2024: साल 2024 की पहली एकादशी कब है ? नोट करें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Saphala Ekadashi 2024: सनातन धर्म में एकादशी का खास महत्व है। हर माह में 2 एकादशी होती है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी कहते हैं। इस प्रकार, 7 जनवरी, 2024 को सफला एकादशी है। यह साल 2024 की प्रथम एकादशी है। मान्यता है कि सफला एकादशी के दिन व्रत रख भगवान विष्णुजी की पूजा-अर्चना करने से साधक को सभी कामों में सफलता हासिल होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए, सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में जानते हैं-

सफला एकादशी शुभ मुहूर्त

सफला एकादशी आरंभ - 07 जनवरी को देर रात्रि 12 बजकर 41 मिनट से

सफला एकादशी समापन - 08 जनवरी को देर रात्रि 10 बजकर 41 तक

सफला एकादशी पारण का समय - 8 जनवरी सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर 9 बजकर 20 मिनट तक

सफला एकादशी का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, जो अनुयायी सफला एकादशी व्रत रखते हैं। उनको जीवन में विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक को सुख, सौभाग्य और कामों में सफलता मिलती है। मान्यता ऐसी है कि एकादशी व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, पिछले जन्म के बुरे कर्मों से निजात मिलती है।

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सफला एकादशी पूजा विधि

  • सफला एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें।
  • इसके बाद मंदिर की सफाई करें।
  • अब चौकी पर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • फिर घी का दीपक जलाएं और विष्णु जी को हल्दी, कुमकुम से तिलक करें।
  • मिठाई और तुलसी दल अर्पित करें।
  • शाम को विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
  • अंत में सफला एकादशी की कथा पढ़ें और आरती करें।
  • सात्विक भोजन से अपने व्रत का पारण करें।
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Author- Kaushik Sharma

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'