Sawan 2024 Ekadashi: सावन में मनाई जाएगी कामिका और पुत्रदा एकादशी, अभी नोट करें डेट
सनातन धर्म में कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2024) व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन सुबह स्नान करने के बाद श्री हरि की उपासना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। साथ ही एकादशी व्रत का करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sawan 2024 Ekadashi Date: भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत हर महीने में दो बार किया जाता है। एक कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष में। धार्मिक मत है कि सच्चे मन से एकादशी व्रत करने से जीवन के दुखों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन सदैव खुशहाल रहता है। अब सावन का महीना शुरू होने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं इस माह में कब कौन से एकादशी मनाई जाएगी?
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सावन में पड़ रही हैं ये एकादशी (Sawan 2024 Ekadashi)
पंचांग के अनुसार, सावन (Sawan 2024) में कामिका और पुत्रदा एकादशी पड़ रही हैं। धार्मिक मत है कि कामिका एकादशी व्रत करने से साधक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। वहीं, पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2024) व्रत करने से विवाहित महिलाओं को सुख, सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है।कामिका एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Kamika Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat) पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई को शाम 04 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 31 जुलाई को शाम 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में 31 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी।
पुत्रदा एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi 2024 Date and shubh muhurat) सावन महीने की दूसरी एकादशी पुत्रदा एकादशी है। पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 16 अगस्त को सुबह 09 बजकर 39 मिनट पर पर होगा। ऐसे में 16 अगस्त पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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