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Utpanna Ekadashi 2024: इस मुहूर्त में करें उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण, इन चीजों के दान से पुण्य की होगी प्राप्ति

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली उत्पन्ना एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस तिथि को एकादशी व्रत की शुरुआत करने के लिए शुभ माना जाता है। द्वादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण (Utpanna Ekadashi Vrat Paran)और दान (Utpanna Ekadashi Daan 2024) जरूर करना चाहिए। इससे जातक को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होगा

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 26 Nov 2024 01:22 PM (IST)
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Utpanna Ekadashi Daan 2024: व्रत पारण के बाद क्या दान करें? (Pic Credit- Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, आज यानी 26 नवंबर को मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जा रहा है। सनातन धर्म से जुड़े कई लोग इस शुभ तिथि पर जगत के पालनहार विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं। साथ ही जीवन के संकटों को दूर करने के लिए पूजा भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि द्वादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण न करने से जातक व्रत के शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसलिए शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण विधिपूर्वक करना चाहिए। इसके बाद श्रद्धा अनुसार मंदिर या गरीब लोगों में विशेष चीजों का दान करें। मान्यता है कि इससे पूजा सफल होती है। आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी व्रत पारण (Utpanna Ekadashi Vrat Paran) का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

उत्पन्ना एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 26 नवंबर को देर रात 01 बजकर 01 मिनट पर हो गई है। वहीं, इस तिथि का समापन 27 नवंबर को देर रात 03 बजकर 47 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी (Kab Hai Utpanna Ekadashi 2024) व्रत किया जा रहा है।

उत्पन्ना एकादशी 2024 व्रत पारण समय (Utpanna Ekadashi 2024 Vrat Parana Time)

उत्पन्ना एकादशी का पारण 27 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से लेकर 03 बजकर 18 मिनट के बीच कर सकते हैं।

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उत्पन्ना एकादशी व्रत पारण (Utpanna Ekadashi Vrat Paran Vidhi)

द्वादशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। दीपक जलाकर विधिपूर्वक आरती करें। फल और मिठाई, पंचामृत, पूरी और सब्जी का भोग लगाएं। इसके बाद जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए प्रभु से कामना करें। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें और प्रसाद स्वयं भी ग्रहण करें। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि व्रत के पारण के दौरान सात्विक भोजन का ही सेवन करें। ऐसी मान्यता है कि इस काम को करने से जातक को पुण्य की प्राप्ति होती है।

इन चीजों का करें दान (Utpanna Ekadashi 2024 Daan)

उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण करने के बाद दान न करने से पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए नीचे दी गई चीजों का दान श्रद्धा अनुसार जरूर करें।

शकरकंदी, पीले वस्त्र, फल, सिंघाड़ा, अन्न, धन समेत आदि।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।