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Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना जीवन में मिलेंगे बुरे परिणाम

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। साथ ही साधक श्री हरि के लिए व्रत रखते हैं और उनसे सुख शांति का आशीर्वाद मांगते हैं। एकादशी व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और अगले दिन द्वादशी तिथि को समाप्त होता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 05 Mar 2024 08:00 PM (IST)
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Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vijaya Ekadashi 2024: भगवान विष्णु को एकादशी तिथि प्रिय है। प्रत्येक महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार एकादशी व्रत 06 मार्च को है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से साधक को जीवन में विजय प्राप्त होती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विजया एकादशी के दिन कुछ कार्यों को करने की सख्त मनाही है। ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन वर्जित कार्यों को करने से साधक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है और जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही श्री हरि रुष्ट हो सकते हैं। चलिए जानते हैं कि विजया एकादशी के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।

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न करें ये गलतियां

  • विजया एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चावल खाने से व्यक्ति को रेंगने वाले जीव की योनि में अगला जन्म मिलता है।
  • इसके अलावा तामसिक भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी व्रत के दौरान शैंपू, तेल और साबुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी व्रत के दौरान किसी इंसान के प्रति मन में गलत नहीं सोचना चाहिए।
  • एकादशी के दिन तुलसी में जल देने की मनाही है। मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसी वजह से तुलसी में एकादशी के दिन जल अर्पित नहीं करना चाहिए।
विजया एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी तिथि का प्रारंभ 06 मार्च को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से होगा और इसका समापन अगले दिन यानी 07 मार्च को सुबह 04 बजकर 13 मिनट पर होगा। ऐसे में विजया एकादशी व्रत 06 मार्च को रखा जाएगा।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।