Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी के दिन इन चीजों का करें दान, जीवन में खुशियों का होगा आगमन
सनातन धर्म में एकादशी तिथि का अधिक महत्त्व है। हर माह में 2 बार एकादशी आती है। पहली कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। सफला एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Saphala Ekadashi 2024: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का अधिक महत्त्व है। हर माह में 2 बार एकादशी आती है। पहली कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। साल 2024 की पहली एकादशी 07 जनवरी को है। मान्यता है कि सफला एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति है और साधक के रुके हुए काम पूरे होते हैं। धार्मिक मत है कि सफला एकादशी के दिन कुछ चीजों का दान करने से घर में खुशियों का आगमन होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। चलिए जानते हैं सफला एकादशी के अवसर पर किन चीजों का दान करना फलदायी होता है।
सफला एकादशी पर करें ये दान
1. सफला एकादशी के दिन गुड़ का दान करना शुभ माना जाता है। गुड़ का दान करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।2. इस दिन गरीब लोगों को गर्म कपड़ों का दान करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से साधक की मनचाही इच्छा पूरी होती है।
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3. एकादशी के अवसर पर अन्न का भी दान किया जाता है। सफला एकादशी के दिन अन्न का दान करने से जगत के पालनहार भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इस दिन चावल और मक्का का भी दान किया जा सकता है।
4. भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए सफला एकादशी पर पीले वस्त्र का दान करें। ऐसा करने से कुंडली में गुरु भी मजबूत होता है।5. सफला एकादशी व्रत के पारण के बाद ब्राह्मण को भोजन कराना बेहद लाभकारी होता है। साथ ही उन्हें श्रद्धा अनुसार दक्षिणा भी दें।
सफला एकादशी शुभ मुहूर्तसफला एकादशी तिथि की शुरुआत 07 जनवरी को देर रात्रि 12 बजकर 41 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 08 जनवरी को देर रात्रि 10 बजकर 41 मिनट पर तिथि का समापन होगा। सफला एकादशी व्रत का पारण 8 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर 9 बजकर 20 मिनट के बीच कर सकते हैं।यह भी पढ़ें: Ayodhya Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी को ही क्यों चुना गया? जानिए इसका खास कारण
Author- Kaushik Sharmaडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'Image Credits-Canva