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Indira Ekadashi 2024: सितंबर महीने में कब है इंदिरा एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

धार्मिक मत है कि इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2024) तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके लिए इंदिरा एकादशी पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 21 Aug 2024 01:50 PM (IST)
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Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Indira Ekadashi 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन इंदिरा एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा (Indira Ekadashi Puja Vidhi) की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए सभी पाप कट जाते हैं। यह व्रत पितृ पक्ष में मनाया जाता है। अतः साधक को पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए, इंदिरा एकादशी का शुभ मुहूर्त, योग एवं पारण का समय जानते हैं-  

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इंदिरा एकादशी शुभ मुहूर्त (Indira Ekadashi Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार 27 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन रविवार 28 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि गणना के अनुसार 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, व्रती 29 सितंबर को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 08 बजकर 36 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।

इंदिरा एकादशी शुभ योग (Indira Ekadashi Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन रात 11 बजकर 51 मिनट पर होगा। वहीं, शिववास योग पूर्ण रात्रि तक है। भगवान शिव सर्वप्रथम कैलाश पर विराजमान होंगे। इसके बाद नंदी की सवारी करेंगे। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इस दिन बालव और कौलव योग का भी संयोग बन रहा है।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 13 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 10 मिनट पर

चंद्रोदय- देर रात 03 बजे (29 सितंबर)

चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 02 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 24 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 59 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 10 मिनट से 06 बजकर 34 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।