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Rama Ekadashi 2024: कार्तिक महीने में कब मनाई जाएगी रमा एकादशी? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

भगवान विष्णु की लीला अपरंपार है। अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। उनकी कृपा से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान विष्णु संग लक्ष्मी जी (Rama Ekadashi 2024) की विशेष पूजा की जाती है। सामान्य जन अपने घरों पर लक्ष्मी नारायण की भक्ति करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 29 Sep 2024 07:30 PM (IST)
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Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। यह पर्व हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मनाया जाता है। इस तिथि पर लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा की जाती है। इसके साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। आइए, रमा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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रमा एकादशी शुभ मुहूर्त (Rama Ekadashi Shubh Muhurat)

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि की गणना के अनुसार 27 अक्टूबर को रमा एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, वैष्णव समाज के अनुयायी 28 अक्टूबर को रमा एकादशी मनाएंगे। वहीं, पारण 29 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 44 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। एकादशी तिथि के लिए स्थानीय पंचांग की अवश्य सहायता लें।

रमा एकादशी शुभ योग (Rama Ekadashi Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो रमा एकादशी के दिन शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव प्रातः काल 07 बजकर 50 मिनट पर कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे। इस दिन दुर्लभ इन्द्र योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही बालव, कौलव एवं तैतिल करण योग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 39 मिनट पर

चंद्रोदय- देर रात 03 बजकर 36 मिनट पर ( 29 अक्टूबर)

चंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 39 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 39 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।