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Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी पर इस विधि से करें तुलसी की पूजा, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न

सनातन धर्म में तुलसी (Tulsi Puja) का पौधा पूजनीय है। योगिनी एकादशी पर तुलसी पूजन करने का बेहद खास महत्व है। धार्मिक मत है कि योगिनी एकादशी पर तुलसी की पूजा करने से इंसान के सभी दुख और संकट दूर होते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। आइए जानते हैं कि एकादशी पर तुलसी की उपासना कैसे करनी चाहिए?

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 01 Jul 2024 10:05 AM (IST)
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Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी पर करें तुलसी की पूजा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Yogini Ekadashi 2024 Shubh Muhurat: पंचांग के अनुसार, निर्जला एकादशी के बाद योगिनी एकादशी पड़ती है। यह व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर किया जाता है। इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है। तुलसी का पौधा श्री हरि को प्रिय है। प्रभु के भोग में तुलसी दल को शामिल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भोग में तुलसी दल शामिल न करने से भगवान भोग स्वीकार नहीं करते हैं। आइए जानते हैं तुलसी पूजा विधि समेत अन्य जानकारी।

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योगिनी एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Yogini Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 01 जुलाई को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 02 जुलाई को सुबह 08 बजकर 42 मिनट पर पर होगा। ऐसे में 02 जुलाई को योगिनी एकादशी व्रत किया जाएगा।

तुलसी पूजा विधि

  • योगिनी एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवताओं के ध्यान से करें।
  • स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि प्रभु को पीला रंग प्रिय है।
  • मंदिर की सफाई करें और गंगाजल से छिड़काव कर शुद्ध करें।
  • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें।
  • इसके बाद तुलसी के पास देशी घी का दीपक जलाएं और लाल चुनरी पहनाएं।
  • तुलसी माता की 11 या 21 बार परिक्रमा लगाएं।
  • सच्चे मन से तुलसी माता की आरती करें और तुलसी चालीसा का पाठ करें। साथ ही मंत्रों का जप करें।
  • तुलसी माता को खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए तुलसी माता से प्रार्थना करें।

तुलसी जी के मंत्र (Tulsi Mantra)

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

तुलसी पूजन मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।