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Shravana Putrada Ekadashi 2024: कब मनाई जाएगी श्रावण पुत्रदा एकादशी, नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

श्रावण पुत्रदा एकादशी पर्व (Shravana Putrada Ekadashi 2024) का विशेष महत्व है। पुत्र प्राप्ति की इच्छा वाले दंपति श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत करते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से जातक को मृत्यु उपरांत उच्च लोक की प्राप्ति होती है। इस शुभ तिथि पर साधक स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 30 Jun 2024 09:50 PM (IST)
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Shravana Putrada Ekadashi 2024: श्रावण पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shravana Putrada Ekadashi 2024: हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन श्रावण पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रख विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। श्रावण पुत्रदा एकादशी स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। धार्मिक मत है कि इस व्रत के पुण्य-प्रताप से नवविवाहित दंपतियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। वहीं, सामान्यजनों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, श्रावण पुत्रदा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पारण का समय एवं योग जानते हैं-

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पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त

सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अगस्त को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 16 अगस्त को सुबह 09 बजकर 39 मिनट पर है। वैष्णव समाज संग सामान्यजन 16 अगस्त को श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत रख जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करेंगे। इसके अगले दिन 17 अगस्त को सुबह 05 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 05 मिनट तक पारण कर सकते हैं।

शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 1 बजकर 12 मिनट से हो रहा है। वहीं, भद्राकाल का योग सुबह 09 बजकर 39 मिनट तक है। इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 59 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 04 बजकर 32 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 02 बजकर 42 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 08 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 29 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 59 मिनट से 07 बजकर 21 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।