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Grah Gochar 2024: अगस्त महीने में बुध देव बदलेंगे अपनी चाल, 4 राशियों को रहना होगा सावधान

ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के दौरान ग्रहों के राजकुमार बुध देव (Budh Vakri 2024 Effects) सूर्य की राशि में रहेंगे। इस राशि में ही बुध देव अपनी चाल बदलेंगे। इससे 4 राशि के जातकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उनके बने कार्य में विघ्न एवं बाधाएं आ सकती हैं। इसके साथ ही व्यवहार में बदलाव देखने को मिल सकता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 29 Jul 2024 08:04 PM (IST)
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Grah Gochar 2024: अगस्त महीने में बुध देव कब करेंगे राशि परिवर्तान ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Budh Vakri 2024: ज्योतिष शास्त्र में बुध देव को वाणी और बुद्धि का कारक माना जाता है। बुध देव की कृपा से जातक बुद्धिमान होता है। अपनी बुद्धिमत्ता से हर कार्य को करने में सफल होता है। कमजोर बुध से जातक को कारोबार में नाना प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही रिश्तेदारों के साथ संबंध भी कटु हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो जल्द ही बुध देव अपनी चाल बदलने वाले हैं। इससे राशि चक्र की सभी राशियों पर अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है। बुध देव की चाल बदलने से 4 राशि के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है। आइए, इन 4 राशियों के बारे में जानते हैं-  

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बुध वक्री 2024

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, ग्रहों के राजकुमार बुध देव 5 अगस्त को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर अपनी चाल बदलेंगे। वर्तमान समय में बुध देव सिंह राशि में मार्गी चाल चल रहे हैं। 5 अगस्त को सुबह 10 बजकर 25 मिनट से बुध देव वक्री (उल्टी) चाल चलेंगे। बुध देव 28 अगस्त तक वक्री चाल चलेंगे। इसके अगले दिन 29 अगस्त को देर रात 02 बजकर 43 मिनट पर मार्गी होंगे।

मेष और वृश्चिक राशि

मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है। बुध देव की चाल बदलने से इन 2 राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव देखने को मिल सकता है। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं और बुध देव ग्रहों के सेनापति मंगल देव को अपना शत्रु मानते हैं। आसान शब्दों में कहें तो बुध और मंगल एक दूसरे के शत्रु हैं। अतः बुध वक्री होने के दौरान गुस्से में कोई फैसला न लें और न ही किसी से कटु शब्द कहें। व्यवहार में विनम्रता एवं सौम्यता रखें। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। सोच समझ कर फैसले लें। घर के सदस्यों के प्रति आदर भाव रखें। सावन सोमवार पर शहद से भगवान शिव का अभिषेक करें।

कर्क राशि

कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं। कई ज्योतिष चंद्र और बुध ग्रह को एक दूसरे का शत्रु बताते हैं। अतः बुध ग्रह की चाल बदलने से कर्क राशि के जातकों को भी सावधान रहने की आवश्यकता है। बुध वक्री के दौरान कर्क राशि के जातक भगवान शिव की विशेष पूजा उपासना करें। हालांकि, कारोबार में निवेश करने से पहले घर के बड़े-वृद्ध से अवश्य सलाह लें। सावन सोमवार पर भगवान शिव को गंगाजल में बेलपत्र और भांग के पत्ते मिलाकर अभिषेक करें। वहीं, सावन बुधवार पर भगवान गणेश को दूर्वा और मोदक अवश्य अर्पित करें।

मीन राशि

ग्रहों के राजकुमार बुध देव मीन राशि में नीच के होते हैं। इसके चलते मीन राशि के कई जातकों को कारोबार में कठिन मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती है। बुध देव के वक्री होने पर मीन राशि के जातकों को सतर्क रहना पड़ेगा। इस दौरान किसी को उधार न दें। नवीन कार्य की शुरुआत न करें और न ही निवेश करें। अपनी वाणी पर संयम रखें। वाद-विवाद से दूर रहें। बुध वक्री के दौरान गंगाजल में दूर्वा मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।