Rahu Ke Upay: कुंडली में राहु की खराब स्थिति बढ़ा सकती है मुश्किलें, जानें इसे सही करने का आसान तरीका
Rahu Dosh Upay यदि किसी जातक की कुंडली में राहु की स्थिति ठीक न हो तो उसे जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनके द्वारा आप राहु दोष से छुटकारा पा सकते हैं। चलिए जानते हैं राहु दोष से मुक्ति पाने के कुछ आसान उपाय।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 12 Oct 2023 05:46 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Jyotish Upay: ज्योतिष में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर आप जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुछ नौ ग्रहों के बारे में बताया गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु को एक क्रूर ग्रह माना गया है, क्योंकि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु के अशुभ स्थिति में होने पर व्यक्ति को कई तरह के नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
राहु के लक्षण
- व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक समस्याओं जैसे नाखून या बाल कमजोर होने की शिकायत होने लगती है।
- परिवार के सदस्यों के बीच बिना कारण मनमुटाव होने लगता है।
- वैवाहिक संबंधों में दरार आने लगती है। पत्नी-पत्नी के झगड़े होने लगते हैं।
- पेट संबंधित समस्याओं का होना भी राहु की अशुभ स्थिति की ओर इशारा करता है।
करें इस मंत्र का जाप
यदि आपकी कुंडली में राहु बुरा प्रभाव दे रहा है तो इसके लिए आप ये उपाय कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि पानी में कुश डालकर नहाने से भी कुंडली से राहु दोष से राहत मिल सकती है। इसके अलावा सुबह स्नान करने के बाद 'ऊँ रां राहवे नम:' मंत्र का काम-से-कम 108 बार जाप करने से भी व्यक्ति को लाभ मिलता है।
बुधवार के दिन करें ये काम
बुधवार के दिन से अगले सात दिनों तक काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलानी चाहिए। ऐसा करने से भी राहु दोष काफी कम हो सकता है। राहु दोष से पीड़ित व्यक्तियों का नीले रंग के कपड़ों का प्रयोग अधिक करना चाहिए। इसके साथ ही मांस-मदिरा के सेवन से दूर रहें।यह भी पढ़ें - Sarva Pitru Amavasya 2023: शनि अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये काम, झेलनी पड़ सकती है परेशानी
शिव जी को करें प्रसन्न
शिव जी की विधिपूर्वक पूजा करने से भी राहु दोष में राहत मिलती है। हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। ऐसे में इस दिन शिव जी की श्रद्धापूर्वक पूजा करने के बाद शिव पुराण आदि का पाठ करें।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'