Ketu Gochar 2025: कन्या राशि के जातकों को मायावी ग्रह केतु से कब मिलेगी मुक्ति? इन उपायों से मिलेगी राहत
Ketu Gochar 2025 ग्रहों के राजकुमार बुध देव बुद्धि और वाणी के कारक हैं। कुंडली में बुध मजबूत होने पर जातक को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। बुध कमजोर होने पर जातक फैसले लेने में असक्षम हो जाता है। इससे कारोबार में नुकसान भी होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ketu Gochar 2024: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, राहु और केतु दोनों मायावी ग्रह हैं। राहु की उच्च राशि वृषभ हैं। वहीं, केतु की की उच्च राशि धनु है। अतः राहु वृषभ और केतु धनु राशि को हमेशा शुभ फल देते हैं। दोनों ग्रह वक्री चाल चलते हैं। वर्तमान समय में राहु मीन और केतु कन्या राशि में विराजमान हैं। सुखों के कारक शुक्र देव मीन राशि में उच्च के होते हैं। इसके चलते मीन राशि के जातकों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। वहीं, केतु के गोचर से कन्या राशि के जातकों को जीवन में विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ रहा है। साथ ही अनावश्यक धन खर्च से परेशान होना पड़ रहा है। आइए जानते हैं कि कन्या राशि के जातकों को कब मायावी ग्रह केतु से मुक्ति मिलेगी?
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केतु गोचर
ज्योतिषियों की मानें तो मायावी ग्रह केतु वर्तमान समय में कन्या राशि में विराजमान हैं। इस राशि में केतु 17 मई तक रहेंगे। इसके अगले दिन यानी 18 मई को संध्याकाल 07 बजकर 35 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में केतु 4 दिसंबर, 2025 तक रहेंगे। वहीं, 5 दिसंबर, 2025 को केतु सिंह राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। केतु के सिंह राशि में गोचर से कन्या राशि के जातकों को मायावी ग्रह के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिल जाएगी। हालांकि, केतु के प्रसन्न होने पर जातक को अकल्पनीय लाभ प्राप्त होता है।
उपाय
- कन्या राशि के जातक के आराध्य भगवान गणेश हैं। अत: कन्या राशि के जातक हर बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करें। इस समय भगवान गणेश की दूर्वा, मोदक और मालपुए अर्पित करें। साथ ही गणेश चालीसा का पाठ करें।
- कन्या राशि के जातक आय और सौभाग्य में वृद्धि के लिए अपने कार्य स्थल पर भगवान गणेश की प्रतिमा अवश्य रखें। जातक अपने शयनकक्ष में भी बाल गणेश की प्रतिमा रख सकते हैं।
- कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए बुधवार के दिन पूजा के बाद गौ माता को हरा चारा खिलाएं। साथ ही जरूरतमंदों को हरी सब्जियां और साबुत मूंग का दान करें। इस उपाय को करने से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है।
- केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रोज स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में साबुत हरी मूंग मिलाकर भगवान गणेश का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से केतु का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है।
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