Hartalika Teej 2023: हरतालिका तीज पर 'इंद्र' योग समेत बन रहे हैं ये 2 शुभ योग, प्राप्त होगा अक्षय फल
Hartalika Teej 2023 धार्मिक मान्यता है कि हरतालिका व्रत करने से विवहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पति की लंबी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो हरतालिका तीज के दिन दुर्लभ इंद्र योग समेत अन्य शुभ योग बन रहे हैं। इन योगों में महादेव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Hartalika Teej 2023: सनातन पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष 18 सितंबर को हरितालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रख देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि हरतालिका व्रत करने से विवहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पति की लंबी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो हरतालिका तीज के दिन दुर्लभ इंद्र योग समेत अन्य शुभ योग बन रहे हैं। इन योगों में महादेव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आइए, इन शुभ योगों के बारे में जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 17 सितंबर को प्रातः काल 11 बजकर 08 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट को समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 18 सितंबर को हरतालिका तीज मनाई जाएगी।
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो इंद्र योग शुभ कार्य करने के लिए उत्तम माना जाता है। इस अवधि में पूजा-अर्चना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज के दिन ब्रह्म बेला 04 बजकर 24 मिनट से लेकर अगले दिन 19 सितंबर तक इंद्र योग है। अतः व्रती को हरतालिका तीज व्रत करने का विशेष फल प्राप्त होगा।
हरतालिका तीज के दिन इंद्र योग के साथ ही रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। पंचांग के अनुसार, 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो पूरे दिन तक रहेगा। साथ ही हरतालिका तीज पर बुधादित्य योग का भी निर्माण हो रहा है। इससे सभी राशि के जातकों को शुभ फल प्राप्त होगा। वहीं, शुभ कार्य के लिए हरतालिका तीज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक है।
राहु काल
हरतालिका तीज के दिन राहु काल सुबह 07 बजकर 39 मिनट से लेकर प्रातः काल 09 बजकर 11 मिनट तक है। ज्योतिष शास्त्र में राहु काल के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही है।
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