Akshardham Mandir: विश्वभर में अपनी पहचान बना रहा है अक्षरधाम मंदिर, जानें इससे जुड़ी खास बातें
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में भी हाल ही में बनकर तैयार हुए अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी 2024 प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जाएगा। यह मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर (Akshardham Mandir) होने के साथ-साथ पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर भी होगा। ऐसे में आइए जानते हैं अक्षरधाम मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Akshardham Mandir Abu Dhabi: दिल्ली के अक्षरधाम से लेकर अमेरिका के न्यूजर्सी में के अक्षरधाम मंदिर तक यह मंदिर अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अक्षरधाम मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और भव्यता के लिए जाना जाता है। हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अबू धाबी में एक भव्य अक्षरधाम मंदिर बनकर तैयार हुआ है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 फरवरी 2024 को किया जाएगा।
ये हैं खास बातें
संयुक्त अरब अमीरात में तैयार हुआ अक्षरधाम मंदिर वहां का पहला हिंदू मंदिर तो है ही साथ ही यह मंदिर अरबी और भारतीय संस्कृति की एकता का भी प्रतीक है। इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि इसमें साथ 10,000 लोग पूजा-पाठ कर सकेंगे। साथ ही इस मंदिर में सात शिखर बनाए गए हैं, जो अरब के सात अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हैं।
ये देवता होंगे विराजमान
मंदिर में बनाई गई नक्काशियों के लिए उपयोग की गई शिलाएं इटली के साथ-साथ राजस्थान के भरतपुर जिले से भी लाई गई हैं। मंदिर में बनाई गई मूर्तियां रामायण, महाभारत, भगवद गीता और शिव पुराण की कहानियों से प्रेरित हैं। इन मंदिरों में शिखर वेंकटेश्वर, जगन्नाथ और अयप्पा आदि देवता विराजमान होंगे और मध्य खंड में स्वामी नारायण के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
अक्षरधाम मंदिर का डिजाइन
अक्षरधाम मंदिर का डिजाइन वैदिक वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। इसके साथ ही मंदिर में बनाए गए 'डोम ऑफ हार्मनी' में पांच प्राकृतिक तत्व - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं। इतना ही नहीं, मंदिर के परिसर में घोड़ों और ऊंटों आदि की कई नक्काशी भी की गई है, जो संयुक्त अरब अमीरात की पहचान है। इसके साथ ही मंदिर में कुल 96 स्तंभ बनाए गए हैं। इस मंदिर की कई मूर्तियां और नक्काशी भारत के कुशल कारीगरों द्वारा बनाई गई हैं, जिन्हें अबू धाबी भेजा गया।