Anjani Mahadev Temple: पवित्र झरना करता है शिवलिंग का अभिषेक, माता अंजनी से जुड़ा है मंदिर का इतिहास
भारत में ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं जो अपनी मान्यताओं और सुंदरता को लेकर काफी लोकप्रिय हैं। ऐसा ही एक मंदिर है मनाली में स्थित अंजनी महादेव मंदिर। इस मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता किसी का भी मन मोह सकती हैं। इस नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुचते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी खास बातें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Anjani Mahadev Temple: मनाली अपने आप में एक खूबसूरत जगह है। प्राकृतिक दृश्यों का आनंद उठाने के लिए यहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। आज हम आपको मनाली के पास स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है। यहां भक्तों को शिवलिंग का झरने द्वारा जलाभिषेक करने का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है। इस शिवलिंग का दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है।
ये है पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अंजनी महादेव मंदिर का इतिहास भगवान जी की माता अंजनी से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि त्रेता युग में माता अंजनी ने पुत्र की प्राप्ति के लिए इसी स्थान पर तपस्या की थी। जिससे शिव जी प्रसन्न हुए और उन्होंने अंजनी को दर्शन दिए थे। तभी से यहां पर प्राकृतिक तौर पर बर्फ का शिवलिंग बनता है। इस मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
क्या है मान्यता
इस स्थान को हिमाचल प्रदेश का अमरनाथ जी भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, कई वर्षों पहले इस स्थान की खोज गुरु बाबा प्रकाश पुरी जी महाराज द्वारा की गई थी। मंदिर के पास ही संत बाबा जी की एक कुटिया भी बनी हुई है। सर्दियों के समय में यह झरना जमने लग जाता है और शिवलिंग के आसपास भी बर्फ की परत जम जाती है।
जिस कारण शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 40 फ़ीट तक भी पहुंच जाती है। ऐसे में सर्दियों में भी प्राकृतिक रूप से बने इस शिवलिंग का दर्शन करने भक्त यहां पहुंतचे हैं। माना जाता है कि श्रद्धालु अंजनी महादेव के दर्शन करने नंगे पांव चलकर जाते हैं और श्रद्धालुओं को बर्फ से कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।
ऐसे पहुंचे मंदिर
अंजनी महादेव मंदिर, मनाली से लगभग 14 किमी दूर सोलंगनाला के पास स्थित है। यह मंदिर साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है। मंदिर पहुंचने के लिए आपको मुख्य सड़क से लगभग 2 किमी की दूरी तरह करनी पड़ेगी। आप मंदिर तक पैदल भी पहुच सकते हैं या फिर आप घोड़े और एटीवी बाइक भी किराये पर ले सकते हैं। इसके बाद शिवलिंग के दर्शन के लिए आपको 150 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं।
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