Banke Bihari Charan Darshan: अक्षय तृतीया पर ही क्यों होते हैं बांके बिहारी जी के चरण दर्शन? जानें रहस्य
वृंदावन में स्थित बांके बिहारी जी के मंदिर में रोजाना अधिक संख्या में श्रद्धालु पूजा और दर्शन करने के लिए आते हैं। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2024) त्योहार पर इस मंदिर में अधिक भीड़ देखने को मिलती है। क्योंकि साल में सिर्फ अक्षय तृतीया पर बांके बिहारी जी के चरण दर्शन होते हैं और बाकी दिन आराध्य के चरण पोशाक से ढके रहते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Banke Bihari Temple: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अधिक शुभ मानी जाती है। क्योंकि इस दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस खास अवसर पर किए गए कार्यों का शुभ फल जीवन में कभी समाप्त नहीं होता है। अक्षय तृतीया का पर्व वृंदावन समेत देशभर में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर वृंदावन में स्थित बांके बिहारी जी के मंदिर खास रौनक देखने को मिलती है। मंदिर में अधिक संख्या में भक्त बांके बिहारी जी के चरण दर्शन के लिए आते हैं। क्योंकि सिर्फ साल में एक बार अक्षय तृतीया पर बांके बिहारी जी के चरण दर्शन होते हैं। साल भर आराध्य के चरण पोशाक से ढके रहते हैं। आखिर ऐसा क्यों किया जाता है? चलिए जानते हैं अक्षय तृतीया पर ही क्यों होते हैं बांके बिहारी जी के चरण दर्शन।
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साल भर बांके बिहारी जी के चरण पोशाक से ढके होते हैं। सिर्फ अक्षय तृतीया के दिन आराध्य के चरण दर्शन होते हैं। इसलिए कृष्ण भक्तों के लिए अक्षय तृतीया का पर्व बेहद खास माना जाता है। ब्रजमंडल में बांके बिहारी जी की शोभायात्रा निकाली जाती है।
ये है वजह
एक कथा के अनुसार, करीब 500 साल पूर्व निधिवन में स्वामी हरिदास की भक्ति और साधना से प्रसन्न होकर बांके बिहारी जी प्रकट हुए। तब स्वामी जी ठाकुर जी की सेवा करते थे। प्रभु की सेवा करते-करते उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। एक बार स्वामी जी के उठने पर ठाकुर जी के चरणों में एक स्वर्ण मुद्रा प्राप्त हुई थी। वह स्वर्ण मुद्रा से प्रभु की सेवा और भोग का इंतजाम किया करते थे।
जब स्वामी जी को पैसों की किल्लत होती थी तो ठाकुर जी के चरणों से स्वर्ण मुद्रा प्राप्त होती थी। इसलिए रोजाना बांके बिहारी जी के चरण के दर्शन नहीं कराए जाते। उनके चरण पोशाक से ढके होते हैं। साल में एक बार ही अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर प्रभु के चरण दर्शन होते हैं। यह भी पढ़ें: Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर पूजा के समय जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, अन्न-धन से भर जाएंगे भंडार
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