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Bharat Milap Mandir: भरत मिलाप का साक्षी है चित्रकूट का यह मंदिर, भाई-भाई का प्रेम देखकर पिघल गए थे पत्थर

Bharat Milap Temple 22 जनवरी का सभी देशवासियों को बेसब्री से इंतजार है क्योंकि इस दिन राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। आपने वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के उत्तरकाण्ड में भरत मिलाप का प्रसंग जरूर सुना होगा। चित्रकूट में स्थित भरत मिलाप मंदिर इसी प्रसंग पर आधारित है। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 20 Jan 2024 02:36 PM (IST)
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Bharat Milap Mandir: भरत मिलाप का साक्षी है चित्रकूट का यह मंदिर।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bharat Milap Temple: महर्षि वाल्मीकि की रामायण और तुलसीदास जी की रामचरितमानस में कई ऐसे प्रसंग हैं, जो मानव मात्र के हृदय को भावविभोर करने का काम करना है। ऐसा ही एक प्रसंग है भरत मिलाप। इस प्रसंग को पढ़ने, सुनने या देखने के बाद किसी का भी मन करुणा से भर सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भरत मिलाप के नाम से एक मंदिर भी स्थित है। आइए जानते हैं इस मंदिर के पीछे का रोचक इतिहास।  

क्यों खास है ये मंदिर

रामायण के अनुसार, जब राम जी वनवास को चले गए, तब उनके भाई भरत उन्हें मानने के लिए चित्रकूट आए और उनसे वापस अयोध्या चलने के लिए कहने लगे। दोनों भाइयों का यह मिलन इतना भावपूर्ण था कि भाई-भाई के आपस का प्रेम देखकर यहां के पत्थर भी पिघल गए और चट्टानों के भी आंसू आने लगे। यहां राम जी और भरत जी के पैरों के निशान भी मिलते हैं। यही कारण है कि इस मंदिर की इतनी मान्यता है।

इस मंदिर की एक और खास बात यह है कि यह मंदिर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है। इस मंदिर में भक्त राम जी और भरत जी के पैरों के निशानों के दर्शन और उनकी पूजा करने आते हैं। अब जब अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, तब इस मंदिर में भक्तों की भीड़ आनी शुरू हो गई है।

इस तरह पहुंचे मंदिर

यदि आप भी इस भव्य मंदिर में जाकर राम जी और भरत जी के इन चरण चिन्हों का दर्शन करना चाहते है, तो इसके लिए ट्रेन या सड़क मार्ग से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। सबसे पहले आपको चित्रकूट के कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पहुंचना होगा। यहां निकटतम रेलवे स्टेशन चित्रकूट धाम कर्वी हैं, जिससे भरत मिलाप मंदिर लगभग 11 किलोमीटर दूर है। ऐसे में अगर आप कोई टैक्सी या अन्य निजी वाहन किराए पर लेते हैं तो लगभग 30 मिनट में मंदिर पहुंच सकते हैं।

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ये होते हैं कार्यक्रम

भारत मिलाप मंदिर में प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन, एक नाटक का आयोजित किया जाता है। जिसमें भगवान राम और भरत के मिलाप को ही दर्शाया जाता है। यदि आप भरत मिलाप मंदिर के दर्शन करने आते हैं तो इसके साथ ही आप गुप्त गोदावरी, कामदगिरि, हनुमान धारा, सती अनुसूया आश्रम, राम घाट आदि के भी दर्शन कर सकते हैं।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'