Brahma Ji Temple: पूरे भारत में क्यों हैं ब्रह्मा जी का केवल एक ही मंदिर, क्या मिला था पत्नी से श्राप
हिन्दुओं के प्रमुख देवताओं ब्रह्मा विष्णु और महेश में से एक हैं ब्रह्मा जी। मुख्य देवताओं में शामिल होने के बाद भी भारत में ब्रह्मा जी का केवल एक ही मंदिर पाया जाता है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण है।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sun, 18 Jun 2023 02:28 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Brahma Ji Temple: हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, ब्रह्मा जी पूरी सृष्टि के रचयिता हैं। पूरे भारत में उनका केवल एक ही मंदिर है जो कि पुष्कर में स्थापित है। ब्रह्मा जी का इकलौता मंदिर होने के कारण यहां लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। यह मंदिर पुष्कर लेक के किनारे बसा हुआ है। इसकी सुंदरता के चलते दूर-दूर से पर्यटक भी यहां पहुंचते हैं।
कैसे अस्तित्व में आया पुष्कर
पद्म पुराण के अनुसार, जब धरती वज्रनाश नामक राक्षस का कहर झेल रही थी। तब ब्रह्मा जी ने उस राक्षस का वध कर दिया। लेकिन वध करने के दौरान उनके हाथों से तीन जगह पर कमल गिर गए और वहां तीन झीलों का निर्माण हो गया। तब से इस जगह का नाम पुष्कर पड़ गया।
ब्रह्मा जी को उनकी पत्नी ने क्यों दिया श्राप
इस वक्त ब्रह्मा जी ने संसार के लिए एक यज्ञ करने का फैसला किया। ब्रह्मा जी ने पुष्कर में यज्ञ शुरू किया लेकिन उनकी पत्नी सावित्री के तय समय पर न पहुंचने की वजह से उन्होंने गुर्जर समुदाय की एक लड़की 'गायत्री' से विवाह कर कर लिया और यज्ञ शुरू किया। इसी दौरान सावित्री वहां पहुंच गई और ब्रह्मा जी पर क्रोधित हो गईं। और ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि देवता होने के बावजूद कभी भी उनकी पूजा नहीं होगी। सभी देवताओं ने सावित्री को दूसरा विवाह करने के पीछे का कारण बताया और उन से श्राप को ने वापस लेने के लिए कहा। सावित्री का गुस्सा शांत होने के बाद उन्होंने ब्रह्मा जी की धरती पर सिर्फ पुष्कर में ही आपकी पूजा होने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि अगर कोई इस जगह के अलावा धरती पर ब्रह्मा जी का मंदिर बनाएगा तो उसका विनाश हो जाएगा।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'