Buddha Purnima 2024: यहां स्थित है शयन मुद्रा में भगवान बुद्ध की प्रतिमा, जानें इसकी खासियत
Buddha statue in Bodhgaya विश्व की सबसे बडी शयन मुद्रा में भगवान बुद्ध की प्रतिमा बिहार के गया जिले के बोधगया में स्थित है। इस प्रतिमा को बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के द्वारा वियतनाम के दानदाताओं की मदद से बनवाया गया है। इस प्रतिमा में दाहिने हाथ भगवान बुद्ध का सिर टिका है और उनके पैर पश्चिम दिशा में है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Buddha statue in Bodhgaya: हर माह में पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध जयंती और वैशाख पूर्णिमा के नाम जाना जाता है। इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को है। बौद्ध समुदाय के लोग पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाते हैं। इस धर्म के अनुयायी बुद्ध पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जन्म के रूप में मनाते हैं और इसी दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान की भी प्राप्ति हुई थी। इस खास अवसर पर गंगा स्नान और दान आदि शुभ कार्य किए जाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर हम आपको भगवान बुद्ध की एक ऐसी प्रतिमा के बारे में बताएंगे, जो विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा है।
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शयन मुद्रा है प्रतिमा विश्व की सबसे बडी शयन मुद्रा में भगवान बुद्ध की प्रतिमा बिहार के गया जिले के बोधगया में स्थित है। इस प्रतिमा को बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के द्वारा वियतनाम के दानदाताओं की मदद से बनवाया गया है। इस प्रतिमा में दाहिने हाथ भगवान बुद्ध का सिर टिका है और उनके पैर पश्चिम दिशा में है। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने अपना आखिरी संदेश भी शयन मुद्रा में दिया था। इस प्रतिमा की लंबाई 100 फीट और ऊंचाई 30 फीट और चौड़ाई 24 फीट है और गोल्डन कलर की है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बोधगया एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। श्रद्धालुओं के लिए यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
महात्मा गौतम बुद्ध के अनमोल विचार
- इंसान अपने जीवन में बुराई से बुराई को खत्म नहीं कर सकता। बुराई को समाप्त करने के लिए व्यक्ति को प्रेम की मदद लेनी पड़ती है। प्रेम से सभी चीजों को जीता जा सकता है।
- इंसान को बीती हुई बात में उलझना नहीं चाहिए और न ही जीवन के बारे में सपने देखकर उसमें उलझना चाहिए। क्योंकि यही वजह है कि इंसान की चिंता का कारण बन सकता है, जिससे इंसान मानसिक रूप से परेशान हो जाता है।
- इंसान के लिए हर दिन एक नया होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बीता हुआ कल कितनी परेशानियों से भरा था। हर दिन का एक नया सवेरा एक नई उम्मीद लेकर पैदा होता है।