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Budhanilkanth Temple: यहां सो रहे हैं भगवान विष्णु, मूर्ति के कारण आकर्षण का केंद्र बना यह मंदिर

भगवान विष्णु त्रिदेवों यानी ब्रह्मा विष्णु महेश में से एक हैं। साथ ही उन्हें जगत का पालनहार भी कहा जाता है। आज हम आपको भगवान विष्णु के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो विष्णु जी की मूर्ति के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मंदिर भारत में नहीं बल्कि नेपाल में स्थित है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 16 Feb 2024 04:43 PM (IST)
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Budhanilkanth Temple: यहां मिलती है दुनिया की एकमात्र विष्णु जी की लेटी हुई प्रतिमा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Budhanilkanth Mandir Nepal: भारत में विष्णु जी के कई मंदिर स्थापित हैं, जो अपनी सुंदरता और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। नेपाल के शिवपुरी में स्थित बुधनिलकंठ मंदिर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, क्योंकि इस मंदिर में दुनिया की एकलौती विष्णु जी की ऐसी प्रतिमा है, जो शेष नाग पर विश्राम अवस्था में स्थापित है। यह मंदिर नेपाल के काठमांडू से 8 किलोमीटर दूर शिवपुरी पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। इस मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालू नेपाल पहुंचते हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी खास बातें और इसकी मान्यताएं।

मूर्ति की खासियत

नेपाल के बुधनिलकंठ मंदिर में भगवान विष्णु जी की एक मूर्ति कई वर्षों से एक तालाब में निद्रा की मुद्रा में स्थित है। यह मूर्ति 11 नागों की सर्पिलाकार कुंडली में विराजमान हैं और भगवान विष्णु के सिर पर 11 नागों का छत्र बना हुआ है। इस मूर्ति की लम्बाई 5 मीटर है, जिसमें श्री हरि के पैर विश्रामानंद की मुद्रा में जुड़े हुए हैं।

ऐसे पड़ा मंदिर का नाम

एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन के समय विष उत्पन्न हुआ, तो उसे भगवान शिव ने ग्रहण कर लिया। विष के कारण शिव जी का कंठ जलने लगा, तब उन्होंने विष के प्रभाव को कम करने के लिए एक स्थान पर त्रिशूल का प्रहार किया, जिससे एक झील का निर्माण हुआ, जिससे शिव जी ने अपने गले की जलन को शांत किया। वर्तमान में इस झील को गोंसाईकुंड झील कहा जाता है। मान्यता है कि बुधनिलकंठ में इसी गोसाईन कुंड का जल आता है, इसलिए इस मंदिर को बुधनिलकंठ नाम से जाना जाता है।

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यह भी है मान्यता

मान्यताओं के अनुसार यह मूर्ति एक किसान को खेत में काम करने के दौरान प्राप्त हुई थी। श्रद्धालुओं का मानना यह भी है कि मंदिर में अगस्‍त महीने में वार्षिक श‍िव उत्‍सव के समय इस झील के नीचे भगवान श‍िव की भी छव‍ि देखने को म‍िलती है। ऐसा केवल सावन माह के दौरान ही होता है।

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