Char Dham Yatra 2024: ऐसे करें चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन, यहां जानिए इससे जुड़ी सभी मुख्य बातें
वार्षिक चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra 2024) 10 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गंगोत्री यमुनोत्री और केदारनाथ सहित चार में से तीन मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी। हालांकि बद्रीनाथ मंदिर के दरवाजे 12 मई को जनता के लिए खुलेंगे तो आइए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Char Dham Yatra 2024: सनातन धर्म की सबसे पवित्र धार्मिक यात्रा में से एक 'चार धाम यात्रा' मानी गई है। इसकी शुरुआत का इंतजार श्रद्धालु बेसब्री के साथ करते हैं। आखिरकार वो पावन समय आ गया है, जब सभी की मुरादें पूरी होने वाली हैं। दरअसल, वार्षिक चार धाम की यात्रा 10 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ सहित चार में से तीन मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी।
हालांकि बद्रीनाथ मंदिर के दरवाजे 12 मई को जनता के लिए खुलेंगे, तो आइए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
- श्रद्धालु उत्तराखंड पर्यटन विभाग निर्धारित वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
- चार धाम यात्रा की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाएं।
- इसके बाद रजिस्टर या लॉगिन बटन पर क्लिक करें।
- फिर अपना नाम, संपर्क नंबर, ईमेल आईडी आदि सहित आवश्यक जानकारी भरें।
- रजिस्ट्रेशन अपने मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी के साथ पूरा करें।
- इसके बाद, एक नया डैशबोर्ड दिखाई देगा, जहां पर उस व्यक्ति के यात्रा की पूरी जानकारी जैसे यात्रा की तारीख, पर्यटकों की संख्या, यात्रा करने के लिए तीर्थ स्थल और बहुत कुछ होगा।
- रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाने पर, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक रजिस्ट्रेशन नंबर भेजा जाएगा।
- फिर आप बाद में चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
- इसके अलावा पर्यटन विभाग के टोल फ्री नंबर- 0135-1364 पर कॉल करके रजिस्ट्रेशन की सुविधा का फायदा ले सकते हैं। इसके साथ ही touristcarerttarakhand मोबाइल एप से भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
चार धाम यात्रा के बारे में कुछ मुख्य बातें
यमुनोत्री
यमुनोत्री धाम मंदिर यमुना नदी के स्रोत के करीब 3,293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह दिव्य मंदिर अक्षय तृतीया के मौके पर खुलेगा। वहीं, यह यम द्वितीया को सर्दियों के लिए बंद हो जाता है।
गंगोत्री धामगंगोत्री धाम इसे गोमुख का मुख्य स्थल माना जाता है। यह समुद्र तल से 3,140 मीटर की ऊंचाई पर भागीरथी के दाहिने किनारे पर स्थित है।केदारनाथ
केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह समुद्र तल से लगभग 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।बद्रीनाथ
भगवान विष्णु के पवित्र चार धामों में से एक बद्रीनाथ है। इसे पृथ्वी का बैकुंठ धाम माना जाता है। यह हिमालय में लगभग 3,100 मीटर की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है।यह भी पढ़ें: Chaitra Purnima 2024: बार-बार कार्यों में पड़ रहा है विघ्न, घर में है धन-वैभव का अभाव, तो चैत्र पूर्णिमा पर जरूर करें ये उपाय
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