Move to Jagran APP

श्री यंत्र के रूप में यहां स्‍थापित हैं शनिदेव

प्रतापगढ़ के निकट कुश्‍फरा का जंगल है जहां पर बने शनिदेव धाम में शनिदेव की एक स्‍वयंभू की अत्‍यंत मान्‍यता प्राप्‍त प्रतिमा स्‍थापित है।

By Molly SethEdited By: Updated: Sat, 05 May 2018 11:08 AM (IST)
Hero Image
श्री यंत्र के रूप में यहां स्‍थापित हैं शनिदेव
पौराणिक शनि मंदिर

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक प्राचीन शनिदेव का मंदिर स्थित है। ये मंदिर प्रतापगढ़ में विश्वनाथगंज बाजार से लगभग 2 किलो मीटर दूर कुश्फरा के जंगल में बना है। इस मंदिर पर लोगों की गहन श्रद्धा और आस्था बतायी जाती है। ऐसी मान्‍यता है कि यहां पर केवल दर्शन मात्र करने आने वाले भी शनिदेव की कृपा के पात्र बन जाते हैं। ये अवध क्षेत्र के एक मात्र पौराणिक शनि धाम होने के कारण भी अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक शनिवार को इस मंदिर में 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।  

श्री यंत्र जैसी है बनावट

ये शनि धाम कुछ इस तरह बना है कि एक श्री यंत्र की तरह हो गया है। इसके दक्षिण की तरफ प्रयाग, उत्तर की तरफ अयोध्या, पूर्व की ओर काशी और पश्चिम में तीर्थ गंगा स्वर्गलोक कड़े मानिकपुर है। मानिकपुर मां शीतला का सिद्धपीठ मंदिर है। शनि मंदिर के विषय में कई कथायें प्रचलित हैं। ऐसी ही एक कथा के अनुसार यहां पर शनिदेव की प्रतिमा स्वयंभू है। जो कुश्फारा के जंगल में एक ऊंचे टीले में दबी थी। जहां से महंत स्वामी परमा महाराज ने इसको खोज कर मंदिर का निर्माण करवाया था। 

हर शनिवार को लगता है मेला

इस मंदिर में प्रत्येक शनिवार को भक्तों की भीड़ उमड़ती है, और यहां भव्य मेला लगता है। इसके साथ ही हर साल अखंड राम नाम जप का वार्षिकोत्सव भी आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जो सुबह से लेकर रात तक चलता है। इस अवसर पर पूरे मंदिर और शनिदेव की प्रतिमा को फूलों से सज्‍जित किया जाता है।