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Hindu Temples: आने वाले समय में भारत को मिलने वाले हैं ये 5 नए भव्य मंदिर, जानिए क्या होने वाला है खास

भारत मंदिरों का देश है। यहां आपको वास्तुकला की दृष्टि और आध्यात्मिक महत्व के साथ कई ऐसे मंदिर मिलेंगे जो व्यक्ति को भक्ति भावना से सराबोर कर देते हैं। आने वाले समय में भारत की मंदिरों की संपदा में वृद्धि होने वाली है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiPublished: Wed, 21 Jun 2023 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jun 2023 12:03 PM (IST)
Hindu Temples भारत में बनने वाले नए मंदिर।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Hindu Temples: भारत अपनी प्राचीन धरोहरों के लिए तो जाना ही जाता है। लेकिन आने वाले दिनों में भारत को ऐसे कई नए और भव्य मंदिर मिलने जा रहे हैं जो हमारी सभ्यता को और भी समृद्ध करने का काम करेंगे। आइए जानते हैं कि इन मंदिरों में क्या खास होने वाला है। 

दिसंबर से कर सकेंगे राम मंदिर के दर्शन

हिंदू ग्रंथों के अनुसार, अयोध्या, प्रभु श्री राम की जन्मभूमि है। श्री हरि विष्णु के एक अवतार माने जाने वाले श्री राम एक व्यापक रूप से पूजे जाने वाले हिन्दू राजा हैं। इस राम जन्मभूमि पर एक भव्य मंदिर बना था जिसे तोड़ दिया गया था। इसी  जन्मभूमि पर फिर से एक भव्य मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। भूमि पूजन समारोह के बाद 5 अगस्त, 2020 को सिविल निर्माण शुरू हुआ। दिसंबर 2023 में राम मंदिर के एक खंड का उद्घाटन और भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। इस मंदिर का सभी भारतीयों को बेसब्री से इंतजार है।

वृंदावन चंद्रोदय मंदिर की विशेषता

वृंदावन चंद्रोदय मंदिर विश्व का सबसे लम्बा मंदिर होगा, जो अभी मथुरा के वृंदावन में निर्मित हो रहा है। इस मंदिर की कुल लागत 300 करोड़ तक है। यह इस्कोन बैंगलोर द्वारा बनाया जा रहा अब तक का सबसे महंगा मंदिर है। इस मंदिर में वर्ष भर में आने वाले विभिन्न तरह के धार्मिक पर्वों और त्योहारों को मनाया जाएगा। आने वाले समय में यह मंदिर हिन्दूओं के लिए एक बहुत बड़ा दर्शनिक स्थान होने वाला है। इस मंदिर के सफल निर्माण के बाद वृन्दावन विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाएगा।

ओम आश्रम मंदिर में क्या होने वाला है खास

इस सृष्टि के रचयिता कहे जाने वाले त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को 'ॐ' (ओम) का प्रतीक माना जाता है। ओम का निराकार स्वरूप धरती पर पहली बार राजस्थान में साकार हुआ है। ओम आकृति वाला शिव मंदिर लगभग बनकर तैयार है। इसका निर्माण कार्य बीते 25 वर्षों से चल रहा है। यह 250 एकड़ में फैला हुआ है। यह शिव मंदिर चार खंडों में विभाजित है। एक पूरा खंड भूगर्भ में बना हुआ है। जबकि अन्य तीन खंड जमीन के ऊपर बने हुए हैं। बीचोंबीच स्वामी माधवानंद की समाधि है। भूगर्भ में समाधि के चारों तरफ सप्त ऋषियों की मूर्तियां स्थापित हैं।

महाकाल लोक में होंगी ये विशेषताएं

श्री महाकाल लोक पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे विकसित किया जा रहा है। यहां भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्त चित्र बनाए गए हैं। श्रद्धालु हर एक भित्ति चित्र की कथा इस पर स्कैन कर सुन सकेंगे। महाकाल लोक में सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तंभों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है।

यहां रुकी थी भगवान श्रीराम की बारात

विराट रामायण मंदिर, बिहार के पूर्वी चंपारण के चकिया- केसरिया नगर के बन रहा एक आगामी मंदिर है। इस मंदिर को अंकोरवाट की दोगुनी ऊंचाई एवं आकार का बनाए जाने की योजना है। भगवान श्रीराम का यह मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। इस मंदिर-समूह में कुल 18 देवताओं के मंदिर होंगे जिनमें मुख्य आराध्य भगवान राम होंगे। मान्यता है कि यहां भगवान श्रीराम की बारात रुकी थी।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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