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India Holy Rivers: देश की इन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का होता है नाश, क्या है इनका धार्मिक महत्व?

देश में कई नदियां हैं जिन्हें प्रकृति का एक अभिन्न अंग माना जाता है। इन पवित्र नदियों को देवी का दर्जा दिया जाता है। इनमें गंगा यमुना जैसी कई पवित्र नदियां शामिल हैं। कई पर्व के दौरान इन नदियों (Indian Rivers Religious Significance) में स्नान करने का विधान है। ऐसे में स्नान करने से जातक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और सभी पाप दूर होते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 23 Oct 2024 04:08 PM (IST)
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India Holy Rivers: देश की पवित्र नदियां
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Indian Rivers Spiritual Importance: सनातन धर्म में कई महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं, जिनका विशेष महत्व है। खास अवसर पर लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। साथ ही श्रद्धा अनुसार मंदिर या गरीब लोगों में धन, अन्न और वस्त्र समेत आदि चीजों का दान करते हैं। शुभ तिथि पर स्नान के लिए पवित्र नदियों में श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखने को मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि पवित्र नदियों में स्नान करने से जातक को सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। देश में कई पवित्र नदियां (Indian Rivers Religious Significance) हैं, जिनको बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि देश की किन पवित्र नदियों में स्नान करना जातक के लिए फलदायी साबित होता है?

 

Pic Credit- Freepik

गंगा नदी (Ganga Nadi)

मां गंगा को मोक्षदायिनी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस नदी में स्नान करने से जातक को पापों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा अमावस्या या पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में स्नान करने से को देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। इस नदी को उद्गम अलकनंदा और भागीरथी नदी मिलकर करती हैं।

यमुना नदी (Yamuna Nadi)

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस नदी को सप्त ऋषियों ने तपस्या कर पृथ्वी पर लाया गया था। इस नदी के पास क्षेत्र में जगत के पालनहार भगवान भगवान श्रीकृष्ण ने कई तरह की लीलाएं की हैं। यह नदी यमुनोत्री से निकलती है। इसमें स्नान करने से पाप दूर होते हैं।

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नर्मदा नदी (Narmada Nadi)

नर्मदा नदी को महत्वपूर्ण नदी माना जाता है। यह नदी महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में बहती है। इस नदी के तट के पास कई तीर्थ स्थल हैं। जहां दर्शन करने से साधक को पुण्य की प्राप्ति होती है। इस नदी का उल्लेख रामायण और महाभारत में देखने को मिलता है। नदी की परिक्रमा करने से जातक के पाप धूल जाते हैं और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।  

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गोदावरी नदी (Godavari Nadi)

गोदावरी नदी महाराष्ट्र से निकलती है और बंगाल के खाड़ी में गिरती है। इस नदी को गंगा नदी की बहन माना जाता है। इसे वृद्ध गंगा के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी को देश की दूसरी सबसे लंबी नदी है। शिव पुराण में उल्लेख देखने को मिलता है कि गोदावरी नदी को सप्तगंगा में एक बताया गया है।

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 अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।