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Jagannath Rath Yatra 2023: सिद्ध धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ इन देवी-देवताओं का भी करें दर्शन

Jagannath Rath Yatra 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा सिद्ध धाम जगन्नाथ पुरी में निकाली जाती है। यहां भगवान जगन्नाथ के साथ भक्त इन देवी-देवताओं के भी दर्शन कर सकते हैं।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Tue, 20 Jun 2023 01:28 PM (IST)
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Jagannath Rath Yatra 2023: श्री जगन्नाथ मंदिर में इन देवी-देवताओं के भी करे दर्शन।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Jagannath Rath Yatra 2023: हिन्दू धर्म में भगवान जगन्नाथ को सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है और साधकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बता दें कि आज चार धामों में से एक जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ जी की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी। इस रथ यात्रा के दर्शन हेतु लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं।

जगन्नाथ पुरी मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा भी विराजमान होती हैं। यहां दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को अन्य देवी देवताओं की पूजा का भी अवसर प्राप्त होता है। आइए जानते हैं जगन्नाथ मंदिर में किन-किन देवी-देवताओं के मिलते हैं दर्शन?

माता भुवनेश्वरी मंदिर

धार्मिक मान्यता है कि माता भुवनेश्वरी की उपासना करने से साधक को धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि यहां स्थापित माता भुनेश्वरी की प्रतिमा को एक तांत्रिक द्वारा लाया गया था। इसलिए आज भी यहां देवी की तंत्र साधना की जाती है।

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माता विमला देवी मंदिर

भगवान जगन्नाथ के भव्य मंदिर में मां विमला देवी का भी मंदिर है, जिनकी पूजा शक्ति स्वरूप में की जाती है। माता विमला की पूजा तंत्र मंत्र से की जाती है और उनके पुरी धाम की देवी के रूप में पूजा जाता है।

भगवान नरसिंह मंदिर

सिद्ध धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन के साथ भगवान विष्णु के स्वरूप नरसिंह भगवान की पूजा का भी अवसर प्राप्त होता है। माना जाता है जो भी भक्त जगन्नाथ जी के दर्शन के लिए आता है, उन्हें नरसिंह भगवान की पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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नील माधव मंदिर

श्री जगन्नाथ मंदिर के भीतर भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा का सौभाग्य मिलता है। माना जाता है प्रभु नील माधव की पूजा अथवा दर्शन करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है और साधको को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।