Jagannath Rath Yatra 2024: जगन्नाथ रथ यात्रा मजार पर आकर क्यों थम जाती है? जानें इसका रहस्य
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बेहद उत्साह के साथ निकाली जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान जगन्नाथ जी का मुस्लिम भक्त सालबेग था। मुस्लिम होने की वजह से उसको भगवान जगन्नाथ मंदिर में जाने और रथ यात्रा में शामिल होने नहीं दिया जाता था। उसकी इच्छा होते हुए भी वह मंदिर और रथ यात्रा में शामिल नहीं हो पाया। ऐसे में उसकी मृत्यु हो गई।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jagannath Rath Yatra 2024: प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल की द्वितीया तिथि पर ओडिशा के पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और छोटी बहन सुभद्रा के साथ अलग-अलग रथों पर सवार होकर नगर भ्रमण करते हैं। सबसे आगे बलराम बीच में बहन सुभद्रा और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ चलता है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के बारे में ऐसा बताया जाता है कि रथ को एक मजार के सामने आते ही रोक दिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा किस कारण किया जाता है? चलिए जानते हैं इस आर्टिकल में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को मजार के सामने रोकने के रहस्य के बारे में।
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इस वजह से रोका जाता है रथ
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बेहद उत्साह के साथ निकाली जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ जी का मुस्लिम भक्त सालबेग था। मुस्लिम होने की वजह से उसको भगवान जगन्नाथ मंदिर में जाने और रथ यात्रा में शामिल होने नहीं दिया जाता था। उसकी इच्छा होते हुए भी वह मंदिर और रथ यात्रा में शामिल नहीं हो पाया। ऐसे में उसकी मृत्यु हो गई।
उसकी मृत्यु होने के बाद जब जगन्नाथ रथ निकाली गई, तो रथ उसकी मजार पर आकर थम गया। लोगों ने बहुत कोशिश की, लेकिन रथ मजार के सामने से नहीं हिला।
इसके पश्चात लोगों ने भगवान जगन्नाथ से सालबेग की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। तब रथ अपने आप चल पड़ा। तभी से जब भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकलती है, तो कुछ समय के लिए मजार के सामने रथ को रोक दिया जाता है। आज के समय में भी इस परंपरा को निभाया जाता है।
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