Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Janmashtami पर बांके बिहारी मंदिर में भक्त इस समय कर सकेंगे दर्शन, जानिए पूरे कार्यक्रम का शेड्यूल

जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मथुरा वृंदावन के मंदिरों की छटा निराली होती है। इन मंदिरों के जन्माष्टमी महोत्सव में भाग लेने के लिए भारत के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं। वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के पर्व पर कान्हा जी के दिव्य दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का शेड्यूल।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 23 Aug 2024 05:40 PM (IST)
Hero Image
Krishna Janmashtami 2024 बांके बिहारी मंदिर में भक्त इस समय कर सकेंगे दर्शन।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा का विधान है। देशभर के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन श्रीकृष्ण की नगरी यानी मथुरा, वृंदावन में इसकी एक अलग धूम देखने को मिलती है।

बांके बिहारी मंदिर जन्माष्टमी (Janmashtami Banke Bihari Temple Schedule)

जहां अन्य शहरों में जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जा रही है, वहीं बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा। बांके बिहारी मंदिर के जन्माष्टमी कार्यक्रम की समय सारणी कुछ इस प्रकार रहने वाली है -

  • सुबह 7 बजकर 45 मिनट से 12 बजे तक मंदिर के पट खुलेंगे।
  • शृंगार आरती सुबह 9 बजे की जाएगी।
  • राजभोग आरती सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर होगी
  • दोपहर 12 बजे कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
  • फिर शाम 5 बजकर 30 मिनट से 9 बजकर 30 पर तक कपाट खोले जाएंगे।
  • 06 बजकर 30 मिनट पर बांके बिहारी जी की ग्वाल आरती की जाएगी।
  • 7 बजकर 30 मिनट पर संध्या आरती की जाएगी।
  • मध्य रात्रि 01 बजकर 45 मिनट पर मंगल आरती की जाएगी।
  • 28 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट से 12 बजे तक नंदोत्सव मनाया जाएगा।

यह भी पढ़ें - Janmashtami 2024: भगवान कृष्ण को क्यों कहा जाता है त्रिभंगी? यहां जानें उनके इस स्वरूप की महिमा

मंदिर की खासियत

इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को पर्दे में रखा जाता है। हर थोड़ी देर पर दर्शन के लिए बांके बिहारी जी की मूर्ति के सामने से पर्दा हटाया जाता है और फिर लगा दिया जाता है। जिसे लेकर यह कहा जाता है कि एक बार जब एक भक्त भगवान के दर्शन के लिए मंदिर आया तो वह एक टक बांके बिहारी जी की मूर्ति को देखता रहा। फिर क्या था, बांके बिहारी जी भक्त से रिझ गए और उसके साथ चल दिए। इसके बाद तब बड़ी मुश्किल से भगवान श्री कृष्ण को मंदिर में वापस लाया गया। यही कारण है कि बांके बिहारी जी की मूर्ति पर पर्दा लगाया जाता है।

यह भी पढ़ें -  Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर बदलेगा इन राशियों के जीवन का हाल, हो जाएंगे मालामाल

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।