एक नहीं बल्कि 5 पर्वत श्रृंखलाओं का समूह है कैलाश, जानें इनका धार्मिक महत्व
सनातन धर्म में भगवान शिव को समर्पित कई धार्मिक यात्रा ऐसी हैं जिनका विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार देवों के देव महादेव का निवास स्थान कैलाश पर्वत (Kailash Parvat Mystery) को माना जाता है। कैलाश पर्वत पांच पर्वत श्रृंखलाओं का समूह है। इनकी यात्रा करने से साधक को महादेव की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं पंच कैलाश से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Panch Kailash: सनातन धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना को बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है। साधक रोजाना भगवान शिव और मां पार्वती की विधिपूर्वक उपासना करते हैं। साथ ही प्रभु के मंत्रों का जप करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को जीवन की दुखों से मुक्ति मिलती है। वहीं, जातक प्रभु के दर्शन करने के लिए शिव जी के मंदिर भी जाते हैं। जहां वह अपने आराध्य के दर्शन का लाभ उठाते हैं। महादेव को समर्पित कई मंदिर पहाड़ों पर भी हैं, जहां अधिक संख्या में श्रद्धलु दर्शनों के लिए जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, हिमालय में भगवान शिव का वास माना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कैलाश पर्वत पांच पर्वत श्रृंखलाओं का समूह है, जिसे पंच कैलाश (Kailash Parvat Significance) के नाम से जाना जाता है। चलिए इस लेख में जानते हैं कौन-कौन से हैं पंच कैलाश?
कैलाश मानसरोवर
धार्मिक मान्यता के अनुसार, तिब्बत में स्थित कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव और मां पार्वती का घर माना जाता है। पौराणिक कथा के मुताबिक, यह वही पवित्र स्थान है, जहां शिव-शंभू विराजमान हैं। कैलाश मानसरोवर का उल्लेख शिव पुराण में देखने को मिलता है।यह भी पढ़ें: Lord Dwarkadhish Temple: भगवान द्वारकाधीश की बंद आंखों को माना जाता है प्रेम का प्रतीक, जानें इनके नेत्रों का रहस्य
आदि कैलाश
आदि कैलाश उत्तराखंड में है। इस कैलाश को रुंग समुदाय से जुड़े लोगों का प्रमुख स्थल माना जाता है। रुंग परंपरा के मुताबिक, आदि कैलाश महादेव का मूल निवास था। ऐसा माना जाता है कि यहां पर संतों और अन्य लोगों के आने से महादेव की तपस्या में बाधा आ रही थी, जिसकी वजह से महादेव को इस जगह को छोड़ना पड़ा।किन्नर कैलाश
किन्नर कैलाश हिमाचल प्रदेश में है। किन्नर कैलाश की यात्रा को अमरनाथ और मानसरोवर की यात्रा से भी बहुत कठिन मानी जाती है। किन्नर कैलाश महादेव के भक्तों के लिए अहम स्थान है।मणिमहेश कैलाश
मणिमहेश कैलाश हिमाचल प्रदेश में है। इस स्थल पर शिवलिंग के आकार की एक चट्टान है, जिसे महादेव का स्वरूप माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, मणिमहेश कैलाश का निर्माण शिव जी ने मां पार्वती से विवाह करने के पश्चात किया था।श्रीखंड महादेव कैलाश
श्रीखंड महादेव कैलाश हिमाचल प्रदेश में है। इस कैलाश को महादेव के धार्मिक स्थलों में से सबसे ऊंचा स्थल माना जाता है। इस पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से 18, 300 फीट है। पौराणिक कथा के अनुसार, श्रीखंड महादेव कैलाश पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने भस्मासुर नामक दैत्य का वध किया था। यह भी पढ़ें: Dog Temples In India: खूब देखे होंगे देवी-देवताओं के मंदिर, लेकिन इन स्थानों पर होती है कुत्तों की पूजाअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।