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Khajrana Ganesh Mandir: बेहद चमत्कारी है भगवान गणेश का ये मंदिर, उल्टा स्वास्तिक बनाने से पूरी होती है मनोकामना

सनातन धर्म में बुधवार का दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है। खजराना गणेश मंदिर में भी बुधवार के दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि इंदौर स्थित खजराना गणेश मंदिर से कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 05 Jun 2024 09:40 PM (IST)
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Khajrana Ganesh Mandir: बेहद चमत्कारी है भगवान गणेश का ये मंदिर (Image Credt indore.nic.in)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान गणेश की महिमा अपरंपार है। सनातन शास्त्रों में भगवान गणेश की लीलाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन है। अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। उनकी कृपा से भक्तों के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है। इनमें एक नाम विघ्नहर्ता है। इस नाम का आशय विघ्न और बाधा दूर करने से है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने वाले व्यक्ति के जीवन में व्याप्त दुख और विपत्ति दूर हो जाती है। देश के हर कोने में भगवान गणेश का मंदिर हैं। इनमें कई मंदिर विश्व विख्यात हैं। इनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली है। लेकिन क्या आपको पता है कि मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसा मंदिर है, जहां मनोकामना पूर्ति के लिए उल्टा स्वास्तिक बनाया जाता है ? ऐसा मत है कि मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाने से व्यक्ति की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। आइए, इस मंदिर के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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कहां है मंदिर ?

मध्य प्रदेश स्थित इंदौर के विजयनगर में खजराना चौक पर भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर है। खजराना चौक पर स्थित होने के चलते यह खजराना गणेश मंदिर (Khajrana Ganesh Mandir) के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर के बारे में इतिहासकारों का कहना है कि यह मंदिर 300 साल पुराना है। श्रद्धालु रेल और हवाई मार्ग के जरिए इंदौर पहुंच सकते हैं। इंदौर से सड़क मार्ग के जरिए भक्त खजराना मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर के आसपास सभी चीजों के लिए उत्तम व्यवस्था है।

खजराना गणेश मंदिर

इतिहास के पन्नों के पलटने से पता चलता है कि खजराना गणेश मंदिर का निर्माण (Khajrana Ganesh Mandir History) रानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था। अगर वर्ष की बात की जाए, तो 1735 में मंदिर का निर्माण कर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई थी । इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है, जो राम भक्त हनुमान जी की तरह पूर्ण लाल है। ऐसा भी कहा जाता है कि प्रतिमा सिंदूर से निर्मित है। इस मंदिर में जगत जननी मां दुर्गा, शिवलिंग, हनुमान जी, मां लक्ष्मी का मंदिर भी है। इसके अलावा, मां गंगा की भी प्रतिमा है। इसमें मां गंगा मगरमच्छ पर सवार हैं। स्थानीय लोगों की गणेश मंदिर के प्रति अटूट श्रद्धा है। बड़ी संख्या में भक्तगण हर बुधवार और रविवार को दर्शन और पूजा के लिए आते हैं। इसके अलावा, गणेश चतुर्थी पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

क्या है मान्यता ?

धार्मिक मान्यता है कि खजराना गणेश मंदिर में मुंह मांगी मनोकामना पूरी होती है। देश-विदेश से भक्त मनोकामना पूर्ति हेतु खजराना गणेश मंदिर आते हैं। इस समय विधि-विधान से भगवान गणेश समेत सभी देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। इसके पश्चात मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। यह दीवार चांदी से निर्मित है। इस समय भक्त अपनी इच्छा मन ही मन भगवान गणेश से प्रकट करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उल्टा स्वास्तिक बनाने के बाद चंद दिनों में साधक की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। एक बार मनोकामना पूर्ण होने के बाद साधक पुनः खजराना गणेश मंदिर जाकर प्रभु के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसके बाद मंदिर की दीवार पर सीधा स्वास्तिक बनाते हैं।

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Image Credit-indore.nic.in

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