Khatu Shyam Mandir: आखिर किसने बनवाया था खाटू श्याम मंदिर, जो आज देशभर में है बेहद प्रसिद्ध
आज के समय में खाटू श्याम मंदिर अधिक प्रसिद्ध है। रोजाना इस मंदिर में अधिक संख्या में श्रद्धालु खाटू श्याम के दर्शन और पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। किसी खास अवसर पर मंदिर (Khatu Shyam Mandir) को सुंदर तरीके से सजाया जाता है। इस दौरान बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। मंदिर में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अपनी अरदास लेकर पहुंचते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। खाटू श्याम को हारे का सहारा और तीन बाण धारी के नाम से जाना जाता है। देशभर में खाटू श्याम को समर्पित कई मंदिर हैं, जो बेहद प्रसिद्ध हैं। इनमें राजस्थान के सीकर में स्थित खाटू श्याम मंदिर भी शामिल है। मंदिर में श्रद्धालु दूर-दूर से अपनी अरदास लेकर पहुंचते हैं। माना जाता है कि खाटू श्याम साधक की सभी मुरादें पूरी करते हैं और हर व्यक्ति का सहारा बनकर उनके दुखों को दूर करते हैं। खाटू श्याम जी भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक हैं। इस बात का वर्णन महाभारत के युद्ध में मिलता है। वहीं, कई मान्यताओं के अनुसार उन्हें भगवान कृष्ण का कलयुगी अवतार भी माना जाता है। आइए इस लेख में जानते हैं इस मंदिर (Khatu Shyam Temple History) का निर्माण किसने करवाया था।
इस राजा ने बनवाया था मंदिर
ऐसा माना जाता है कि मंदिर का निर्माण खाटू गांव के राजा रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर ने करवाया था। राजा को सपने में मंदिर बनाकर बर्बरीक का शीश उसमें स्थापित करवाने का आदेश मिला था। राजा ने इस सपने को पूरा किया। धार्मिक मान्यता है कि खाटू श्याम के कुंड पर बर्बरीक जी का शीश मिला था। इसी वजह से इस कुंड की भी विशेष मान्यता है। यह भी पढ़ें: Khatu Shyam Ji: इस तरह लगाएं बाबा खाटू श्याम के चरणों में अपनी अरदास, खुल जाएंगे सभी बंद रास्ते
हर मुरादें होती हैं पूरी
खाटू श्याम को सच्चे मन से गुलाब अर्पित करने से सभी मुरादें पूरी होती हैं और बाबा श्याम जातक की सभी तरह की गलतियों को माफ करते हैं। इसके अलावा श्रद्धालु खाटू श्याम को इत्र भी अर्पित करते हैं। ऐसा करने से घर में सदैव सुख-शांति बनी रहती है और परिवार के सदस्यों को खाटू श्याम की कृपा प्राप्त होती है।
खाटू श्याम मंदिर आरती टाइम (Khatu Shyam Temple Aarti Time)
- मंगला आरती सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर होती है।
- श्रृगांर आरती सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर होती है।
- भोग आरती दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर होती है।
- संध्या आरती शाम को 07 बजकर 15 पर मिनट पर होती है।
- शयन आरती रात को 09 बजे होती है।