राम लक्ष्मण की रक्षा के लिए यहां उपस्थित हुए पंचमुखी हनुमान
तमिलनाडु के कुम्बकोनम में श्री पंचमुखी आंजनेयर मंदिर है। आंजनेय यानि अंजनि पुत्र हनुमान आइये जाने इस मंदिर से जुड़ी कथा।
By Molly SethEdited By: Updated: Tue, 12 Feb 2019 09:45 AM (IST)
यहां है पांचमुख वाले हनुमान जी का मंदिर
तमिलनाडु के कुम्बकोनम में श्री पंचमुखी आंजनेयर स्वामी जी अर्थात हनुमान जी का बहुत ही सुंदर मंदिर है। यहां पर श्री हनुमान जी की "पंचमुख रूप" में भव्य प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर में हनुमान जी आंजनेय अर्थात अंजनी पुत्र के रूप में स्थापित हैं। यहां स्थित मूर्ति के पांच सिर है, प्रत्येक एक अलग देवता का प्रतिनिधित्व करता है। इनमें से एक भगवान गरूड़, एक भगवान नरसिंह, एक प्रभु हयाग्रीव, एक भगवान हनुमान और एक भगवान वराह के रूप में है। मंदिर के निर्माण की कथा राम रावण के युद्ध से जुड़ी है।
मंदिर से जुड़ी कथाकहते हैं श्रीराम-रावण युद्ध के मध्य एक समय रावण ने सहायता के लिए अपने भाई अहिरावण का स्मरण किया, जो तंत्र-मंत्र का पंडित और देवी का अनन्य भक्त था। रावण का संकट को दूर करने के लिए उसने श्रीराम व लक्ष्मण का अपहरण कर लिया। उसकी माया से सारी राम सेना प्रगाढ़ निद्रा में डूब गयी और वह राम और लक्ष्मण का अपहरण करके उन्हें पाताल लोक ले गया। अपहरण के बारे में जान कर विभीषण ने बताया कि ऐसा केवल अहिरावण ही कर सकता है तो सबने हनुमान जी से मदद मांगी और वे पाताल लोक पहुंचे। महल में पहुंच कर हनुमान ने श्रीराम एवं लक्ष्मण जी को बंधक अवस्था में पाया। वहां भिन्न दिशाओं में पांच दीपक जल रहे थे और अहिरावण का अंत करने के लिए इन पांच दीपकों को एक साथ एक ही समय में बुझाना था। इसी समस्या के समाधान के लिए हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धारण किया।