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Dhari Devi Temple: मां धारी देवी दिन में 3 बार बदलती हैं अपना स्वरूप, चार धाम की करती हैं रक्षा

उत्तराखंड का मां धारी देवी मंदिर (Dhari Devi Temple) बहुत रहस्यमयी माना जाता है। यह मंदिर श्रीनगर से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। मान्यता के अनुसार मंदिर में विराजमान प्रतिमा दिन में अपना 3 बार रूप बदलती है। सुबह के दौरान मूर्ति कन्या और दोपहर में युवती की तरह दिखाई देती है। वहीं संध्याकाल में वृद्ध महिला की तरह दिखती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 10 Aug 2024 01:13 PM (IST)
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Dhari Devi Mandir: पानी में स्थित है मां धारी देवी मंदिर
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dhari Devi Temple: देश में देवी-देवताओं को समर्पित ऐसे कई मंदिर हैं, जो किसी रहस्य या फिर अन्य कारण से अधिक प्रसिद्ध हैं। एक ऐसा ही मंदिर उत्तराखंड में स्थित है, जिसका नाम धारी देवी मंदिर है। धार्मिक मान्यता है कि मां धारा देवी को उत्तराखंड की संरक्षक देवी माना जाता है और मां धारी देवी चार धामों की रक्षा करती हैं। मां धारा देवी का यह मंदिर (Dhari Devi Mandir) देश में 108 शक्ति स्थलों में से एक है। चलिए इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि इस मंदिर का रहस्य और मंदिर से जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में।

धारी देवी मंदिर का इतिहास (Dhari Devi Temple History)

पौराणिक कथा के अनुसार, धारी देवी मंदिर बाढ़ की वजह से बह गया था। इसके साथ ही मंदिर में विराजमान मूर्ति भी जल में बह गई। वह प्रतिमा एक गांव के नजदीक चट्टान से टकराकर रुक गई। मान्यता है कि उस प्रतिमा से ईश्वरीय आवाज सुनाई दी। इसके पश्चात धारो गांव के लोगों ने उस स्थान पर मूर्ति को विराजमान करने का फैसला लिया। ग्रामीणों ने वहां पर मंदिर का निर्माण किया। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में मां धारी की प्रतिमा द्वापर युग से विराजमान है। मां धारी देवी का यह मंदिर झील के बीच स्थित है। मान्यता के अनुसार, मंदिर में विराजमान प्रतिमा दिन में अपना 3 बार रूप बदलती है।

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धारी देवी मंदिर कैसे पहुंचे (How to Reach Dhari Devi Temple)

धारी देवी मंदिर पहुंचने के लिए 145 किमी दूर जौलीग्रांट हवाई अड्डा है। इसके अलावा मंदिर से 115 किलोमीटर दूर ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। वहीं, हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून से मां धारी देवी मंदिर तक आसानी से छोटे-बडे़ वाहनों की मदद से पहुंच सकते हैं।

धारी देवी मंदिर के खुलने और बंद होने का समय (Dhari Devi Temple Opening and Closing Time)

धारी देवी मंदिर सुबह 06 बजे खुलता है और शाम को 07 बजे बंद होता है।  

धारी देवी मंदिर क्यों प्रसिद्ध है (Why is Dhari Devi Temple Famous)

यह मंदिर धारी देवी को समर्पित है। धारी देवी को उत्तराखंड की संरक्षक माना जाता है। उनकी चार धामों के रक्षक के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है।  

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।