Dhari Devi Temple: मां धारी देवी दिन में 3 बार बदलती हैं अपना स्वरूप, चार धाम की करती हैं रक्षा
उत्तराखंड का मां धारी देवी मंदिर (Dhari Devi Temple) बहुत रहस्यमयी माना जाता है। यह मंदिर श्रीनगर से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। मान्यता के अनुसार मंदिर में विराजमान प्रतिमा दिन में अपना 3 बार रूप बदलती है। सुबह के दौरान मूर्ति कन्या और दोपहर में युवती की तरह दिखाई देती है। वहीं संध्याकाल में वृद्ध महिला की तरह दिखती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dhari Devi Temple: देश में देवी-देवताओं को समर्पित ऐसे कई मंदिर हैं, जो किसी रहस्य या फिर अन्य कारण से अधिक प्रसिद्ध हैं। एक ऐसा ही मंदिर उत्तराखंड में स्थित है, जिसका नाम धारी देवी मंदिर है। धार्मिक मान्यता है कि मां धारा देवी को उत्तराखंड की संरक्षक देवी माना जाता है और मां धारी देवी चार धामों की रक्षा करती हैं। मां धारा देवी का यह मंदिर (Dhari Devi Mandir) देश में 108 शक्ति स्थलों में से एक है। चलिए इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि इस मंदिर का रहस्य और मंदिर से जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में।
धारी देवी मंदिर का इतिहास (Dhari Devi Temple History)
पौराणिक कथा के अनुसार, धारी देवी मंदिर बाढ़ की वजह से बह गया था। इसके साथ ही मंदिर में विराजमान मूर्ति भी जल में बह गई। वह प्रतिमा एक गांव के नजदीक चट्टान से टकराकर रुक गई। मान्यता है कि उस प्रतिमा से ईश्वरीय आवाज सुनाई दी। इसके पश्चात धारो गांव के लोगों ने उस स्थान पर मूर्ति को विराजमान करने का फैसला लिया। ग्रामीणों ने वहां पर मंदिर का निर्माण किया। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में मां धारी की प्रतिमा द्वापर युग से विराजमान है। मां धारी देवी का यह मंदिर झील के बीच स्थित है। मान्यता के अनुसार, मंदिर में विराजमान प्रतिमा दिन में अपना 3 बार रूप बदलती है।यह भी पढ़ें: 51 Shakti Peeth: कहां-कहां गिरे माता सती के अंग? जो अब बन गए हैं शक्तिपीठ