Mahashivratri 2024: शिवनवरात्रि में कोटेश्वर महादेव की होती है विशेष पूजा, जानें इससे जुड़ी अहम बातें
ज्योतिर्लिंग पूजा परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) के 9 दिन पहले से कोटेश्वर महादेव का अभिषेक और पूजा की जाती है। ब्राह्मणों द्वारा एकादश- एकादशनी रुद्रपाठ किया जाता है। पूजा के बाद गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा की जाती है। भगवान का पंचामृत और फलों के रस और सुगंधित द्रव्यों को अर्पित करने से पहले अभिषेक किया जाता है।
By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Mon, 04 Mar 2024 01:13 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Koteshwar Mahadev Mandir: देशभर में इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 08 मार्च को मनाया जाएगा। इस त्योहार के आने का शिव भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं। महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस विशेष अवसर पर लोग भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं। इस मौके पर श्रद्धालु मंदिर जाकर भगवान की पूजा और दर्शन करते हैं। अगर आप भी महाशिवरात्रि पर किसी मंदिर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको एक ऐसे मंदिर में बारे में बताएंगे, जहां महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पूजन और दर्शन करने का विशेष महत्व है।
भगवान कोटेश्वर महादेव
कोटेश्वर महादेव मंदिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में स्थित है। ज्योतिर्लिंग पूजा परंपरा के अनुसार, महाशिवरात्रि के 9 दिन पहले से कोटेश्वर महादेव का अभिषेक और पूजा की जाती है। ब्राह्मणों द्वारा एकादश- एकादशनी रुद्रपाठ किया जाता है। पूजा के बाद गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा की जाती है। भगवान का पंचामृत और फलों के रस और सुगंधित द्रव्यों को अर्पित करने से पहले अभिषेक किया जाता है। ऐसे ही शनि प्रदोष में भी भगवान महाकालेश्वर की पूजा करने से पहले कोटेश्वर महादेव का पूजन करने का विधान है। यहां पूजा के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। कोटेश्वर महादेव में रुद्राभिषेक, लघुरुद्र, पंचामृत पूजन किया जाता है।
कैसे पहुंचे कोटेश्वर महादेव मंदिर?अगर आप कोटेश्वर महादेव मंदिर जाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप कोटितीर्थ पहुंचना होगा। कोटेश्वर महादेव मंदिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में स्थित है। पूजा और दर्शन करने के लिए आप हवाई यात्रा से पहुंच सकते हैं। इंदौर हवाई अड्डा से मंदिर 40 मिनट की दूरी पर है।यह भी पढ़ें: Khatu Shyam Mela 2024: खाटू श्याम मेला जाने का बना रहे हैं मन, तो जरूर ध्यान रखें ये बातें
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