Mangleshwar Mahadev Temple: इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन से दूर होता है मंगल दोष, 6 सौ साल पुराना है इतिहास
ज्योतिषियों की मानें तो मंगल दोष लगने पर जातक की शादी में बाधा आती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में परेशानी आती है। इसके लिए ज्योतिष मंगल दोष से पीड़ित जातक को मंगल दोष से पीड़ित जातक से शादी करने की सलाह देते हैं। इस दोष का निवारण मंगलेश्वर और मंगलनाथ मंदिर (Mangleshwar Mahadev Temple Importance) में किया जाता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 08 Jul 2024 09:01 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mangleshwar Mahadev Temple: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। इस शास्त्र के माध्यम से जातक के भविष्य की पूरी जानकारी मिल जाती है। दैवीय काल से नवजात शिशु के जन्म के समय कुंडली देखकर बच्चे का नामकरण किया जाता है। कुंडली में किसी प्रकार के दोष लगने पर निवारण अनिवार्य होता है। कुंडली में कई प्रकार के दोष लगते हैं। इनमें एक मंगल दोष है। मांगलिक जातक के विवाह में बाधा आती है। कई अवसर पर विवाह के बाद वैवाहिक जीवन में भी परेशानी आती है। अतः ज्योतिष मंगल दोष निवारण की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि देश में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां देवों के देव महादेव के दर्शन मात्र से मंगल दोष दूर हो जाता है ?आइए, इस मंदिर के बारे में सबकुछ जानते हैं-
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कब लगता है मंगल दोष ?
ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में बारह भाव होते हैं। इनमें प्रथम से लेकर द्वादश भाव के मध्य मंगल के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में रहने पर जातक मांगलिक होता है। कई अवसर पर मंगल दोष का परिहार हो जाता है। इसके लिए मंगल दोष का विचार योग्य ज्योतिष से कराना चाहिए।
मंगल दोष का निवारण
मंगल दोष का निवराण उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर में किया जाता है। इस मंदिर में भात पूजन किया जाता है। इसमें भगवान शिव को चावल अर्पित किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर भगवान शिव को चावल अर्पित किया जाता है। ज्योतिषियों का मत है कि भात पूजन कराने से मंगल दोष दूर हो जाता है। वहीं, ग्वालियर में भी प्राचीन शिव मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन मात्र से मंगल दोष समाप्त हो जाता है।मंगलेश्वर महादेव मंदिर
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित मंगलेश्वर महादेव मंदिर तकरीबन छह सौ साल पुराना है। इस मंदिर में शिवलिंग स्वयंभू हुआ है। आसान शब्दों में कहें तो आज से 6 सौ साल पहले मंगलवार के दिन शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ है। धार्मिक मत है कि बाबा के दर पर आने वाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटते हैं। भगवान शिव के दर्शन से साधक की हर परेशानी दूर हो जाती है। अतः यह मंदिर न केवल देश, बल्कि विदेश में भी प्रसिद्ध है।