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Narasimha Mandir: अष्टधातु से बनी है भगवान नरसिंह की प्रतिमा, जानें इसकी खासियत

नरसिंहगढ़ के नाम को भगवान नरसिंह के नाम पर रखा गया है। नरसिंहगढ़ (Narsinghgarh) के नरसिंह मंदिर में विराजमान भगवान नरसिंह की प्रतिमा में नेपाली शिल्प की झलक देखने को मिलती है। प्रतिमा 280 किलोग्राम की है और इसकी ऊंचाई ढाई फीट है। इस प्रतिमा को नेपाल के मूर्तिकार ने बनाया था। आइए जानते हैं नरसिंह मंदिर के बारे में विस्तार से।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 20 May 2024 01:19 PM (IST)
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Narasimha Mandir: अष्टधातु से बनी है भगवान नरसिंह की प्रतिमा, जानें इसकी खासियत

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Narasimha Mandir: सनातन धर्म में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर बेहद उत्साह के साथ नरसिंह जयंती का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्री हरि ने भगवान नरसिंह के रूप में भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए अवतार लिया था। इसलिए इस दिन को नरसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर हम आपको एक ऐसे शहर के बारे में बताएंगे, जिसका नाम भगवान नरसिंह के नाम से रखा गया है। मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में वर्ष 1681 में भगवान नरसिंह की अष्टधातु की मूर्ति राजा परसराम ने करवाई थी।

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मंदिर में विराजमान है भगवान नरसिंह की प्रतिमा

नरसिंहगढ़ के नाम को भगवान नरसिंह के नाम पर रखा गया है। यह राजगढ़ से करीब 19 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पर भगवान नरसिंह के मंदिर की स्थापना की गई। मंदिर में नेपाली शैली से बनी भगवान नरसिंह की प्रतिमा विराजमान है। इस प्रतिमा को नेपाल के मूर्तिकार ने बनाया था। साल 1681 के बाद नरसिंहगढ़ और राजगढ़ दो रियासतें अस्तित्व में आई थी, ये दोनों रियासतें दो भाई की थी। जानकारी के लिए बता दें कि बड़े भाई को राजगढ़ और छोटे भाई को नरसिंहगढ़ रियासत प्राप्त हुई। नरसिंहगढ़ के संस्थापक महाराज परसराम थे। उन्होंने अपनी रियासत को भगवान नरसिंह को समर्पित किया और नरसिंहगढ़ नगर बसाया था।

अष्टधातु से बनी है प्रतिमा

नरसिंहगढ़ के नरसिंह मंदिर में विराजमान भगवान नरसिंह की प्रतिमा में नेपाली शिल्प की झलक देखने को मिलती है। प्रतिमा 280 किलोग्राम की है और इसकी ऊंचाई ढाई फीट है। 

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।