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Shani Jayanti 2024: ये हैं भारत के प्रसिद्ध शनि मंदिर, दर्शन मात्र से दूर होते हैं दुख-दर्द

प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि पर शनि जयंती मनाई जाती है। शनि देव को सूर्य देव का पुत्र भी माना जाता है। हालांकि घर के मंदिर में शनि देव की मूर्ति रखना शुभ नहीं माना जाता। लेकिन आप शनि जयंती (Shani Dev Mandir) के अवसर पर शनि मंदिर जाकर न्याय का देवता की असीम कृपा की प्राप्ति कर सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 04 Jun 2024 03:16 PM (IST)
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Shani Jayanti 2024: भारत के प्रसिद्ध शनि मंदिर।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू मान्यताओं के अनुसार शनि देव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता भी कहा जाता है। इस साल 06 जून, गुरुवार के दिन शनि जयंती मनाई जा रही है। ऐसे में आज हम आपको शनि देव देशभर के कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके दर्शन द्वारा आप शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

प्राचीन शनि मंदिर

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में भी एक प्रसिद्ध शनि मंदिर स्थित है। यह शनि मंदिर के सबसे प्राचीन शनि मंदिरों में से एक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां शनिदेव त्रेता युग से विराजमान हैं। इस मंदिर में आंख बंद किए हुए तपस्या की मुद्रा में शनि देव की स्थापित है। इस मंदिर की मान्यता है कि दर्शन करने के बाद श्रद्धालु अपने जूते-चप्पल और पहने हुए कपड़े आदि मंदिर में छोड़ जाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोष आदि से भी छुटकारा मिलता है।

मंदिर में नहीं है छत और दीवार

महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिरणी से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां न तो कोई छत है और न ही कोई दीवार है। इस मंदिर में एक बड़ा काला पत्थर विराजमान है, जिसे शनि देव के रूप में पूजा जाता है और यह स्वंयभू हैं। यहां तक कि यहां रहने वाले स्थानीय लोगों के घर पर भी दरवाजे और ताले नहीं लगाए जाते और न ही यहां कभी चोरी होती है।

बुरे प्रभावों से मिलती है मुक्ति

तमिलनाडु में भी शनि देव को समर्पित एक मंदिर स्थापित है। यह नवग्रह मंदिरों में से भी एक है। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से शनिदेव के प्रकोप और अन्य बुरे प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है। वहीं, इस मंदिर में आकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से शनि ग्रह के बुरे प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है।

इसलिए कहा जाता है कोकिलावन

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित शनि देव का सिद्ध मंदिर स्थापित है। इस स्थान को कोकिलावन धाम के नाम से जाना जाता है। यहां शनि देव की विशाल प्रतिमा स्थापित है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में लगातार सात शनिवार तक शनि देव को सरसो का तेल चढ़ाने से शनि दोष से मुक्ति पाई जा सकती है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने शनिदेव को इसी स्थान पर कोयल के रूप में दर्शन दिए थे, यही कारण है कि इस इस मंदिर में शनि देव के साथ-साथ भगवान कृष्ण और राधा रानी की भी पूजा की जाती है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।