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Shani Temples: शनि जयंती पर करें इन मंदिरों के दर्शन, खुल जाएगा सोया हुआ भाग्य

इस साल शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) 6 जून को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर भगवान शनि की आराधना करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं। साथ ही इस दिन को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है जब यह शुभ दिन इतना करीब है तो आइए भगवान शनि के प्रसिद्ध धाम के बारे में जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Mon, 03 Jun 2024 01:27 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2024 01:27 PM (IST)
Shani Jayanti 2024: भगवान शनि के चमत्कारी मंदिर -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शनि की पूजा शास्त्रों में बेहद शुभ मानी गई है। शनि जयंती का दिन उनकी पूजा के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है। शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस बार शनि जयंती 6 जून, 2024 दिन गुरुवार को पड़ रही है। यह तिथि हर साल धूमधाम के साथ मनाई जाती है, तो चलिए इस शुभ अवसर के लिए भगवान शनि के 3 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानते हैं, जिनका दर्शन करना बेहद ही शुभ माना जाता है।

भगवान शनि के प्रसिद्ध मंदिर

शनि धाम मंदिर

शनि धाम दिल्ली के छतरपुर रोड पर असोला नामक जगह पर है। इस धाम को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां पर दुनिया की सबसे ऊंची  शनिदेव की प्रतिमा है। इस धाम के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। साथ ही यहां दर्शन करने से जीवन का भारी से भारी संकट दूर हो जाता है। ऐसे में इस शनि मंदिर का दर्शन अवश्य करें।  

शनिश्वरा भगवान स्थलम

शनिश्वरा भगवान स्थलम पुडुचेरी में तिरुनल्लर नामक स्थान पर स्थित है। इस मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि यहां पर भोलेनाथ के समक्ष सूर्य पुत्र शनि ने अपनी सभी शक्तियां खो दी थीं। हालांकि बाद में उन्हें शिव के आशीर्वाद से सभी शक्तियां प्राप्त हो गई थीं।

ऐसा मान्यता है कि इस धाम के दर्शन और इस मंदिर के पास स्थित तालाब में डुबकी लगाने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।  

शनि शिंगणापुर

शनि शिंगणापुर धाम महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। यहां शनि भक्त दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं। वहीं, जो लोग कुंडली में स्थित शनि दोष से परेशान हैं, उन्हें इस मंदिर में दर्शन के लिए आना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शनि शिंगणापुर क्षेत्र की रक्षा सदैव करते हैं। यही वजह है कि यहां के लोग अपने- अपने घरों में आज भी ताला नहीं लगाते हैं।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।


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